संजय गुप्ता, INDORE. कालिंदी गोल्ड, सेटेलाइट और फिनिक्स कॉलोनी के 255 पीडितों के मामलों के लिए हाई कोर्ट की बनी कमेटी द्वारा की जा रही जांच में अब मैडीकैप्स यूनिवर्सिटी के चांसलर और बिल्डर रमेश मित्तल भी उलझ रहे हैं। भूमाफिया चंपू अजमेरा द्वारा कमेटी के सामने पीड़ितों के केस निराकरण की जिम्मेदारी मित्तल पर भी डाल दी है। अजमेरा द्वारा कमेटी को पेश किए गए जवाब में मित्तल को भी कुछ हिस्से के लिए जिम्मेदार बताया है। उधर हाई कोर्ट द्वारा रिटायर जज की अध्यक्षता में बनी कमेटी में सोमवार 5 जून से भूमाफियाओं द्वारा दिए गए जवाबों का परीक्षण शुरू होगा। उधर फिनिक्स मामले में लिक्विडेटर द्वारा भी जांच की जा रही है, जो अभी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
इसलिए लिया मित्तल का नाम
द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार चंपू ने कमेटी को बताया है कि मेसर्स आरके इन्फ्रास्ट्रक्चर जिसके मालिक रमेश चंद्र मित्तल है, उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह फिनिक्स टाउनशिप के मामले में वर्तमान पीड़ितों के मामले सेटल करें। इसके लिए मई 2009 में हमारे बीच करार हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सभी कंपनियों के डायरेक्टरों को मिलकर ही हल कराने की बात कही है। आरके इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ हमारी पार्टनरशिप डील थी। चंपू ने यह जवाब कुछ शिकायतों के निराकरण के प्रतिउत्तर में कमेटी के सामने पेश किया है।
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मित्तल की नीलेश अजमेरा के साथ भी रही पार्टनरशिप
मित्तल की कंपनी क्रिस्टल डेवकान प्रालि में मित्तल के साथ एक समय चंपू का भाई जो अभी फरार है नीलेश अजमेरा और उनकी पत्नी सोनाली अजमेरा भी पार्टनर रहे हैं। चंपू, नीलेश के साथ मित्तल के व्यापारिक सौदे रहे हैं। इसी मामले में एक विवाद में आजादनगर थाने में मित्तल और नीलेश पर सौदे को पूरा नहीं करने पर एफआईआर भी सालों से दर्ज है, जिसमें नीलेश फरार है और मित्तल जमानत पर है। क्रिस्टल डेवकान वही कंपनी है जिसमें नीलेश ने अपनी हिस्सेदारी संदीप तेल उर्फ अग्रवाल जिसकी गोली मारकर हत्या हुई थी, को बेच दी थी। बाद में नीलेश हट गया था और संदीप तेल इसमें एडिशनल डायरेक्टर भी बना था। नीलेश का संदीप तेल से भी लंबा लेन-देन था जो वह चुका नहीं पाया था।