संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के भूमाफिया चंपू अजमेरा को हाईकोर्ट इंदौर से तगड़ा झटका लगा है। जिला प्रशासन द्वारा 24 जून को चंपू अजमेरा के बेटे आर्जव अजमेरा सहित 4 अन्य लोगों पर कराई गई चार सौ बीसी की एफआईआर में कार्रवाई जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने चंपू और उसके बेटे आर्जव द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत इस एफआईआर को खत्म करने की लगाई याचिका खारिज कर दी है।
हाईकोर्ट ने क्या कहा ?
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को कहा है कि उन्हें यदि अग्रिम जमानत चाहिए तो वे उसके लिए अलग से कानून के तहत प्रक्रिया (याचिका दायर करना) कर सकते हैं। इस आदेश के बाद चंपू की गिरफ्तारी तो नहीं होगी क्योंकि उसे पीड़ितों के निराकरण के लिए जमानत मिली हुई है, लेकिन अब आर्जव की गिरफ्तारी होगी। क्योंकि द सूत्र की न्यूज के बाद प्रशासन ने पुलिस को पत्र लिखकर 420, 34 की धारा के साथ ही 467 और 468 की भी धारा लगा दी थी, जो गैर जमानती है और इसमें गिरफ्तारी होगी।
हाईकोर्ट में ये दी गई थी दलील
इस मामले में हाईकोर्ट में अजमेरा पिता-पुत्र की ओर से कहा गया था कि ये एफआईआर बनती ही नहीं है और ये बेवजह की गई है। आर्जव अजमेरा और अनोखेलाल पाटीदार ने पुलक बिल्डकॉन कंपनी साल 2020 में बनाई थी, लेकिन आर्जव 16 मार्च 2021 को ही डायरेक्टर पद से रिटायर हो गया था और कंपनी ने कालिंदी गोल्ड सिटी के बीच का सर्वे नंबर 25/2 तो 30 मार्च 2021 में खरीदा था। बाद में अनोखेलाल भी रिटायर हो गया और उनकी जगह पुनीत जैन और प्रसाद कानसे डायरेक्टर बने थे। आर्जव केवल 25 साल का है और उस पर कोई केस बनता नहीं है। उधर शासकीय अधिवक्ता ने आर्जव की गिरफ्तारी को जरूरी बताया था, क्योंकि इस जमीन पर कालिंदी गोल्ड का नक्शा पास है और ये जमीन मिलने से पीड़ितों को प्लॉट दिए जा सकेंगे जो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की मंशा अनुसार कमेटी कर रही है। शासन की ओर से आर्जव के बैंक में हस्ताक्षर अथॉरिटी होने के भी दस्तावेज पेश कर दिए थे।
अजमेरा परिवार में दादा, पिता, मां, के बाद अब बेटे को होगी जेल
चंपू का पूरा परिवार ही जमीन धोखाधड़ी में उलझा हुआ है। आर्जव के दादा और चंपू के पिता पवन अजमेरा जेल जा चुके हैं और वे भी जमानत पर हैं, चंपू भी जेल जा चुका है, मां योगिता भी जेल जा चुकी है और जमानत पर है। चंपू का भाई यानी आर्जव का चाचा नीलेश भी भगोड़ा घोषित है। नीलेश की पत्नी सोनाली यानी आर्जव की चाची भी जमीन धोखे में आरोपी बन चुकी है और अब परिवार का नया सदस्य आर्जव भी 15 करोड़ की जमीन धोखाधड़ी में उलझ गया है और आरोपी बन गया है। आर्जव पर लगी धाराओं के चलते अब पुलिस गिरफ्तारी लेगी।
आर्जव को जयपुर भगा चुका है अजमेरा परिवार
द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद ही चंपू ने आर्जव को जयपुर रवाना कर दिया था। वहां भी चंपू कुछ लोगों के साथ कॉलोनी काटने में लगा हुआ है। इसमें आर्जव के नाम भी कुछ जमीन होने की बात सामने आ रही है।
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इधर हाईकोर्ट कमेटी ने चंपू को लगाई लताड़
इधर 3 कॉलोनियों के पीड़ितों के लेकर हाईकोर्ट की कमेटी द्वारा हो रही सुनवाई में भी कमेटी ने चंपू को फटकार लगाई। चंपू ने सतीश भाटिया के फिनिक्स केस में जो उन्होंने साल 2013 में लिया था और रजिस्ट्री भी हुई लेकिन कब्जा नहीं मिला, उसकी जिम्मेदारी मैडीकैप्स ग्रुप के रमेश मित्तल पर डाल दी थी। इस पर उनकी ओर से जवाब दिया गया कि खुद चंपू कह रहा है कि साल 2008-09 में ही मित्तल डायरेक्टर थे और फिर कंपनी से वे हट गए, मेरा प्लॉट 2013 का है तो फिर उनकी जिम्मेदारी कैसे हुई। चंपू ने कुछ दस्तावेज पेश किए जो कटे हुए थे, इस पर आपत्ति ली गई कि अब ये नए दस्तावेज जो संदिग्ध हैं, वे लाकर मामला अटका रहे हैं। इस पर भी कमेटी ने चंपू को फटकार लगाई और नई तारीख देते हुए क्लीन दस्तावेज पेश करने के लिए कहा। वहीं एक अन्य पीड़ित ने बताया कि उन्हें प्लॉट दिया, लेकिन पजेशन आधा ही मिला। इस पर कमेटी ने कहा कि प्रशासन से इसमें नपती कराकर पूरा प्लॉट दो और इसकी रिपोर्ट सोमवार को पेश करो।