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JAIPUR. जयपुर में वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए अच्छी खबर सामने आई है। जयपुर के नाहरगढ़ में लेपर्ड सफारी की शुरुआत होने वाली है। इस साल के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा। नाहरगढ़ में लेपर्ड सफारी के लिए अलग-अलग ट्रैक तैयार हो रहे हैं। इसके साथ ही वन्यजीवों के लिए ग्रास लैंड भी बनाई जा रही है। जानकर खुशी होगी कि जयपुर एकमात्र ऐसा शहर होगा, जहां तीन वाइल्डलाइफ लेपर्ड सफारी होंगी।
नाहरगढ़ के जंगलों में 15 से 20 लेपर्ड की आवाजाही
बता दें कि जयपुर के झालाना और आमागढ़ में पहले से ही लेपर्ड सफारी है। नाहरगढ़ के जंगलों में 15 से 20 लेपर्ड आते-जाते हैं। इसलिए वन विभाग अब नाहरगढ़ में करीब 16 किलोमीटर की लेपर्ड सफारी की शुरुआत करने जा रहा है। जयपुर में कुछ समय से लेपर्ड की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ सफारी में करीब 70 लेपर्ड रह रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 40 से ज्यादा झालाना लेपर्ड सफारी में हैं। वहीं 15 से 17 लेपर्ड आमागढ़ और 15 से 20 लेपर्ड नाहरगढ़ के जंगलों में देखे जा सकते हैं।
राजस्थान के तापमान के कारण लेपर्ड शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत
दुनियाभर में लेपर्ड की 7 प्रजातियां हैं। इनमें से एक प्रजाती भारत में पाई जाती है। इसके दो अलग-अलग हिस्से हैं। इसमें हिमालय में पाए जाने वाले स्नो लेपर्ड को लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, दार्जिलिंग, असम, अरूणाचल प्रदेश के इलाकों में पाया जाता है। राजस्थान का लेपर्ड शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ज्यादा मजबूत रहता है। क्योंकि, यहां का तापमान ज्यादातर 30 से 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। लेपर्ड बाकी जानवरों की तुलना में ज्यादा तेजी से पेड़ों पर चढ़ लेते हैं।
250 से 300 तक की होगी राइड फीस
कुछ दिनों पहले ही नाहरगढ़ में एक लेपर्ड को भ्रमण करते हुए देखा गया था। वह करीब 30 मिनट तक टाइगर सफारी के एंक्लोजर के आसपास घूमता रहा। बता दें कि नाहरगढ़ सफारी में लॉयन सफारी की तर्ज पर 4 कैंटर चलाए जाएंगे। इस सफारी की 250 से 300 तक की राइड फीस होगी। जंगल के जीवों के वॉटर पॉइंट भी उपलब्ध कराए जाएंगे।