Shajapur. शाजापुर में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है कि जिसमें बैंक ऑफ इंडिया की नैनावद शाखा में नकली सोना गिरवी रखकर 4 करोड़ रुपयों से ज्यादा के लोन पास कर दिए गए। मामले का खुलासा तब हुआ जब लोन न चुकाए जाने पर बैंक ने किसानों द्वारा बेची गई फसल की रकम लोन रिकवरी के लिए जब्त कर ली। जिसके बाद ग्रामीणों को खुदके साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तब भी कार्रवाई नहीं हुई तो एसपी और कलेक्टर से फरियाद करने पहुंच गए। जब मामले की गंभीरता से जांच हुई तब जाकर इस पूरे घपले का परत दर परत खुलासा हुआ।
टारगेट का झांसा देकर किसानों को दिया झांसा
दरअसल इस पूरे खेल में बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी और वैल्यूअर का हाथ सामने आया है। इन लोगों ने बैंक के खातेदार किसानों को झांसा दिया कि बैंक को गोल्ड लोन देने के लिए टारगेट मिला है, जिसे किसी भी हाल में पूरा करना है। उन्होंने झांसा दिया कि सोना भी हमारा होगा, केवल उसे आपके नाम पर गिरवी रखा जाएगा। बदले में आप लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य मामलों में बैंक सहायता देगा।
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30 से ज्यादा पीड़ित आए सामने
बैंक कर्मचारियों और वैल्यूअर ने किसानों से वाउचर में दस्तखत करा लिए, उनसे एक वाउचर ले लिया गया। 30 से ज्यादा ग्राहकों के नाम पर नकली सोना गिरवी रखा गया और 4 करोड़ से ज्यादा की राशि निकाल ली गई। गोल्ड लोन तो खत्म हुआ ही नहीं, जिसके बाद ग्राहकों ने बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों और कलेक्टर, एसपी से शिकायत की। शिकायत के बाद बैंक का एक कर्मचारी और वैल्यूअर फरार हो गए।
ऐसे हुआ खेल
बैंक लोन के दस्तावेजों में वैल्यूअर कांतिलाल सोनी के शपथ पत्र लगे हुए हैं। शपथ पत्र बैंक ऑफ इंडिया की शाखा नैनावदी के पक्ष में दिए गए हैं। जिसमें वैल्यूअर स्वीकार कर रहा है कि मैं बैंक ऑफ इंडिया शाखा नैनावद में स्वर्ण आभूषणों के मूल्यांकन के लिए अधिकृत हूं। मेरे द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर बैंक द्वारा खाताधारकों को गोल्ड लोन दिया गया। शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि मेरे द्वारा गोल्ड लोन में मूल्यांकन रिपोर्ट दी गई है, उनमें त्रुटि हुई है और भविष्य में बैंक को आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मेरी रहेगी। मैंने जिन ग्राहकों से गोल्ड लोन रखवाया है और मूल्यांकन किया है उनकी संपूर्ण राशि मैं जमा करवाऊंगा।
शपथ पत्र से यह तो क्लियर हो चुका है कि गोल्ड लोन के नाम पर धोखाधड़ी की गई। नकली सोने को असली बताकर करोड़ों की रकम आहरित कर ली गई। बैंक प्रबंधन शुरूआत में यह शपथ पत्र लेकर पूरे मामले को दबाने में लगा हुआ था। लेकिन ग्राहकों ने मक्सी थाने में 2 जून को शिकायत कर दी, वहीं 5 जून को कलेक्टर और एसपी समेत बैंक के जोनल अधिकारी को शिकायत कर दी। हालांकि अभी तक बैंक प्रबंधन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।
एक ही वैल्यूअर से करा लिया सत्यापन
बैंक के गोल्ड लोन नियमों की मानें तो 5 लाख से ज्यादा के लोन पर दो वैल्यूअर से गहनों की जांच करानी होती है, लेकिन बैंक प्रबंधन ने एक ही वैल्यूअर से सत्यापन कराकर लोन दे डाला। ग्राहकों की मानें तो पूरे घपले में कर्मचारी रवि सेन और वैल्यूअर कांतिलाल सोनी ने ही हमें झांसे में लिया था। पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध है। उधर शाखा प्रबंधक जीतेश व्यास मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।