Bastar. छत्तीसगढ़ में शिक्षा सत्र शुरु हुए पखवाड़ा बीतने को है, लेकिन यहां के आदिवासी अंचल में स्कूलों में ताले पड़े हुए हैं। बस्तर के संगम में कोयलीबेड़ा ब्लॉक में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों ने इस अव्यवस्था के खिलाफ रैली निकालकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने बताया कि 26 जून से शिक्षण सत्र की शुरुआत हो चुकी है लेकिन उनके इलाके के स्कूल अब तक नहीं खोले गए हैं। शिक्षक भी नहीं आते, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सरपंच और बीईओ को दी जानकारी
ग्रामीणों ने बताया कि इस अव्यवस्था के लिए कई बार सरपंच, सचिव और बीईओ तक को जानकारी दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उधर क्षेत्र के कई स्कूल ऐसे हैं, जो स्वीकृत तो हो चुके हैं पर उनका निर्माण कार्य अभी तक शुरु नहीं किया गया है। दूसरी तरफ गोटूल में एक स्कूल है, जहां पांचवीं पास व्यक्ति को शिक्षक नियुक्त कर दिया गया है।
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शिक्षा विभाग पर लगाए सवालिया निशान
ग्रामीणों का कहना है कि ओरछा ब्लॉक के बिनागुंडा, कोंगे और कोयलीबेड़ा में स्कूलों का यही हाल है। अभी तक स्कूल में शिक्षक हाजिर नहीं हो रहे। इस अव्यवस्था के लिए पूरी तरह से शिक्षा विभाग जिम्मेदार है। ग्रामीणों ने बताया कि वे सरकारी स्कूलों के भरोसे अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की बाट जोहे बैठे हैं। लेकिन इस प्रकार की अव्यवस्था में उन्हें क्या शिक्षा मिल रही है, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल बंद होने से बच्चे समाज की मुख्य धारा से हट रहे हैं। यदि जल्द ही शिक्षा विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे। जिसका जिम्मेदार प्रशासन स्वयं होगा।