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संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश में 5जी पॉलिसी लांच हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अक्टूबर 2022 को देश के लिए 5जी नेटवर्क को लांच किया था। अब मप्र सरकार ने मंगलवार को इंदौर में यह पॉलिसी लांच कर दी। एमपी देश का ऐसा दूसरा प्रदेश बन गया है, जिसने 5जी पॉलिसी लांच की। लांच करने के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने दावा किया है कि 2025 के पहले प्रदेश के कोने-कोने तक 5G नेटवर्क उपलब्ध हो जाएगा।
सरकार चाहती है तेजी से फैले यह नेटवर्क
मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई 5G पॉलिसी भारत सरकार की पॉलिसी के बाद दूसरी सबसे अच्छी पॉलिसी है। इस नीति में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा बनाने वाली कंपनियों को 5G सेवाओं के विस्तार के लिए जल्द से जल्द सरकारी मंजूरियां देने पर खास जोर दिया गया है। सखलेचा ने आगे बताया कि सरकार चाहती हैं कि प्रदेश में 5G का नेटवर्क तेजी से फैले। यह पॉलिसी लॉन्च होने के बाद प्रदेश में 5G सेवाओं का बुनियादी ढांचा विकसित करने में कंपनियों को मदद मिलेगी।
कंपनियों को तय समय में मिलेगी मंजूरी
सखलेचा ने पॉलिसी लांच करने के दौरान कहा कि मुझे लगता है कि पूरे प्रदेश में डेढ़ से दो साल के भीतर 5G नेटवर्क उपलब्ध हो जाएगा। हमने 5G पॉलिसी में प्रावधान किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा विकसित करने वाली कंपनियों को अगर तय समय सीमा में सरकारी मंजूरी नहीं मिली, तो मान लिया जाएगा कि उन्हें हरी झंडी मिल गई है। एमपीएसईडीसी के प्रबंध निदेशक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की 5G पॉलिसी केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों और उद्योग जगत के सुझावों के आधार पर तैयार की गई है। इस पॉलिसी से अगले 6 महीने में खासकर शहरी क्षेत्रों में 5G नेटवर्क का तेज विस्तार होगा।
यह है पॉलिसी में प्रमुख बिंदु
मंत्री सखलेचा ने बताया कि सरकारी जमीन या संपत्ति पर 5G नेटवर्क का आधारभूत तंत्र खड़ा करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और बुनियादी ढांचा कंपनियों के आवेदनों का लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा 60 दिन के भीतर निपटारा किया जाएगा। जबकि निजी जमीन या संपत्ति के मामले में ऐसी अर्जियों पर महज तीन दिन के भीतर फैसला किया जाएगा। अगर तय समयसीमा में इन आवेदनों का निपटारा नहीं किया गया, तो मान लिया जाएगा कि आवेदकों को संबंधित मंजूरियां मिल गई हैं। और तय पोर्टल पर उनके नाम लाइसेंस भी जारी हो जाएंगे।
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