BHOAPL. मध्यप्रदेश के नवनियुक्त कर्मचारियों ने 100 फीसदी वेतन पाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि अब वे 70, 80 या 90 नहीं, बल्कि 100 फीसदी वेतन चाहते हैं। कर्मचारियों ने डिजिटल कैंपेन का सहारा लिया है। इस रविवार यानी 11 अगस्त को एक्स (पहले ट्विटर) पर डिजिटल कैंपेन चलाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा हैशटैग #मध्यप्रदेश_सौ_फीसद_वेतन_दो और #We_want_full_salary_in_mp जारी किए हैं। नवनियुक्त कर्मचारियों की ओर से इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम एक चिट्ठी भी लिखी गई है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार 70, 80 या 90 फीसदी वेतन का प्रावधान खत्म करे। कर्मचारियों को सौ फीसदी वेतन ही मिलना चाहिए।
शिवराज ने किया था ऐलान
कर्मचारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेतन विसंगति को दूर करने का वादा किया था। तब शिवराज ने कहा था कि दोबारा सरकार बनने पर पिछली सरकार द्वारा लागू किए गए वेतन विसंगति नियम को खत्म कर पहले साल से ही सौ फीसदी वेतन दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
अभी क्या है व्यवस्था
मौजूदा नियम के अनुसार, अभी नवनियुक्त कर्मचारियों को तीन साल तक क्रमश: 70, 80 और 90 फीसदी वेतन दिया जाता है। कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि खत्म होने के बाद वे सौ प्रतिशत वेतन के पात्र होते हैं। अब कर्मचारियों ने इसे खत्म करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह बड़ी विसंगति है।
MPPSC और ईसीबी में क्या अंतर
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग यानी MPPSC से चयनित अधिकारी को पहले महीने से ही 100 प्रतिशत वेतन मिलता है, कर्मचारी चयन मंडल यानी ईसीबी से चयनित अधिकारी-कर्मचारियों को पहले साल में 70 फीसदी सैलरी मिलती है। अब कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 100 फीसदी वेतन दिया जाए। वहीं, जिस कर्मचारी का नौकरी करने के बीच जो नुकसान हुआ है, उसे एरियर के रूप में दिया जाए।
पड़ोसी राज्य में यह हो चुका...
मध्यप्रदेश के नवनियुक्त कर्मचारियों की ओर से एक्स पर जारी एक पोस्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में भी पहले मध्यप्रदेश की तरह प्रावधान था, लेकिन वहां सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। सीजी में अब कर्मचारियों को पहले महीने से सौ फीसदी सैलरी मिलती है।
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