रक्षाबंधन पर होगा 12 हजार करोड़ तो सीजन में 4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार

देश के व्यापारिक संगठनों के अनुसार ग्राहकों में अब स्वदेशी राखियों की ही मांग है। चाइना राखियों की मांग पूरी तरह से खत्म हो जाने के बाद स्वदेशी व्यापारियों को इसका फायदा हो रहा है।

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Neel Tiwari
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देशभर के व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने कहा है कि इस साल राखी के त्यौहार पर देश भर में 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का त्यौहारी व्यापार होने की उम्मीद है । बाजारों में राखी की खरीददारी की जबरदस्त भीड़ है और लोगों में त्यौहार के प्रति बहुत उत्साह भी है। पिछले कई वर्षों से देश में स्वदेशी राखियों ही बिक रही हैं और इस वर्ष भी चीन की बनी राखियों की न तो कोई मांग थी एवं बाजार में चीनी राखियां दिखाई ही नहीं दी। 

राखी के त्यौहार पर व्यापार की उम्मीद

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की जिस प्रकार से पिछले दिनों में राखियों की मांग में वृद्धि हुई है उसको देखते हुए इस वर्ष 12 हजार करोड़ रुपए के राखी त्यौहार पर व्यापार होने की उम्मीद है। जबकि पिछले वर्ष यह व्यापार लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का था वहीं वर्ष 2022 में लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए,  2021 यह व्यापार 6 हज़ार करोड़ रुपए का था जबकि वर्ष 2020 में 5 हजार करोड़ , वर्ष 2019 में 3500 करोड़ तथा वर्ष 2018 में 3 हजार करोड़ था । 



 

हर शहर की खासियत के अनुरूप बनी राखियां हैं बाजार में

इस वर्ष राखियों की एक विशेषता यह भी है कि इनमें देश के विभिन्न शहरों के मशहूर उत्पादों से विशेष प्रकार की राखियां भी बनाई गईं है जिनमें नागपुर में बनी खादी राखी, जयपुर में सांगानेरी कला राखी, पुणे में बीज राखी, मध्य प्रदेश के सतना में ऊनी राखी, आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस की राखी,असम में चाय पत्ती राखी, कोलकाता में जूट राखी, मुंबई में रेशम राखी, केरल में खजूर राखी, कानपुर में मोती राखी, बिहार में मधुबनी और मैथिली कला राखी, पांडिचेरी में सॉफ्ट पत्थर की राखी, बैंगलोर में फूल राखी आदि शामिल हैं वहीं देश का गर्व प्रदर्शित करने वाली तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम की राखी, भारत माता की राखी आदि शामिल हैं जिनकी मांग बहुत अधिक है । इसके अलावा डिजाइनर राखियों तथा चांदी की राखियां भी बाजार में खूब बिक रही है  ।

 



तुलसी विवाह तक होगा 4 लाख करोड रुपए का व्यापार

कैट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने बताया की उम्मीद है कि 19 अगस्त, रक्षा बंधन से शुरू होकर 15 नवंबर को तुलसी विवाह के दिन तक त्योहारी अवधि के दौरान, सामानों की बिक्री के माध्यम से देश के बाजारों में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की त्यौहारों बिक्री होने की उम्मीद है जो मूल रूप से भारतीय वस्तुओं की खरीदी से ही होगी। इस वर्ष की त्यौहार श्रृंखला रक्षा बंधन से शुरू होकर जन्माष्टमी, 10 दिवसीय गणेश उत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा सहित अन्य त्यौहारों के साथ तुलसी विवाह के दिन सम्पन्न होगी । इन त्यौहारों श्रृंखला की अवधि के दौरान ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए देश का व्यापारिक समुदाय पूरी तरह तैयार है और पर्याप्त मात्रा में सभी उत्पादों का स्टॉक व्यापारियों ने कर लिया है। देश के सभी राज्यों में व्यापारी भारतीय सामान को ही बेचेंगे क्योंकि उपभोक्ता भी अब भारतीय सामान की मांग कर रहे हैं। 

वोकल फोर लोकल पर अत्यधिक व्यापार होगा

कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश महासचिव दीपक सेठी के अनुसार पिछले चार वर्षों से देश में खास तौर पर त्यौहारों के समय भारतीय उत्पाद खरीदने के साथ चीनी सामान के बहिष्कार की सफल मुहिम चलाई हुई है ।

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