इंदौर के नामी स्कूल में तीन साल की बच्ची के साथ गंदी हरकत करने का मामला सामने आया है। इस मामले में पालकों ने जब प्रबंधन को शिकायत की तो सभी पालकों को बुलाया गया। इसमें आरोपी कर्मचारी को भी बुलाया गया। भरी मीटिंग में स्कूल संचालक ने आरोपी को कहा कि बता दो नहीं तो पुलिस डंडे मारेगी, कसम खाओ कि ऐसा नहीं किया। इस पर पालकों ने हंगामा किया और आपत्ति जताई कि कसम जैसी बात क्यों, कार्रवाई क्यों नहीं। जांच में यह सामने आया कि जिस जगह घटना हुई वहां स्कूल में सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगे थे।
पालक हुए सख्त, यह बोले
स्कूल प्रबंधन पर सख्त हुए पालकों ने स्कूल संचालक से पूछा कि जैसे आप पूछ रहे वह क्या बताएगा? कार्रवाई क्यों नहीं करते? इस पर स्कूल संचालक ने कहा कि तो फिर क्या करें? पालकों ने कहा केस हो, कार्रवाई हो और बच्चों की सुरक्षा पर काम करो? इसके बाद वह चुप हुए। एक पालक ने कहा कि ऐसा संदेश दें कि स्कूल में आगे कोई कुछ इस तरह का सोच भी नहीं सके। स्कूल संचालक ने कहा कि बच्चों को ट्रेनिंग दी गई, लेकिन रिजल्ट नहीं निकला, अब आप लोगों को ट्रेनिंग कराना होगी। पालकों ने शिकायत कर मौके पर ही पुलिस को बुलाया और पुलिस आरोपी को साथ में लेकर रवाना हुई। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी की जरूरत नहीं, तीन साल की बच्ची झूठ नहीं बोल रही है।
यह हुई घटना
जानकारी के अनुसार तीन साल की बच्ची के साथ यह हरकत हुई। उसे घर पर दर्द हुआ तो उसने मां को यह बात बताई। जब मां ने पूछा कि दर्द क्यों हो रहा है तो उसने बताया कि भैया ने फिंगर की थी। इस बात के बाद पालकों ने हिम्मत दिखाई और स्कूल प्रबंधन, क्लास टीचर सभी को इस मामले में शिकायत की। लेकिन वहां से ज्यादा तवज्जो नहीं मिली और मामला देखने भर का आश्वासन मिला।
इसके बाद पालक हुए एकजुट
फरियादी माता-पिता ने स्कूल के बने ग्रुप पर घटना सार्वजनिक की। इसके बाद सभी एकजुट हुए और सभी ने मिलकर मामले को प्रबंधन के साथ ही पुलिस और मीडिया को बताने की बात कही। इसके बाद दबाव में आए प्रबंधन ने गुरुवार को बैठक बुलाई। हंगामा नहीं हो इसलिए पुलिस भी वहां पहुंची और आरोपी से पूछताछ हुई। आरोपी ने कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। बाद में पुलिस उसे साथ में लेकर चली गई।
स्कूल संचालक ने किए अब ये वादे
उधर घटना के बाद स्कूल संचालक ने पालकों से अब वादे किए हैं कि जहां भी स्कूल में ब्लैक स्पॉट है और कैमरे नहीं लगे, वहां सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी में कोई मेल स्टॉफ नहीं होगा। पहली व दूसरी में भी मेल स्टाफ कम से कम होगा। पूरा स्कूल का सर्वे करेंगे।
पहले भी करंट लगने से मौत हो चुकी
स्कूल की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले स्कूल में कूलर में करंट लगने से मौत हो चुकी है, जिसमें भी स्कूल प्रबंधन साफ बच चुका। कुछ साल पहले एक फुटबॉलर स्कूली बच्चे की मौत के लिए भी प्रबंधन की लापरवाही सामने आई थी।
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