अब नया जीएसटी नंबर लेने वाले व्यापारियों के लिए पंजीयन प्रक्रिया के दौरान अपना बायोमेट्रिक और दस्तावेजों का सत्यापन जीएसटी सेवा केंद्र में जाकर करवाना होगा। केंद्र बनाने के लिए प्रदेशभर के जीएसटी कार्यालयो में अलग से जगह चिन्हित की जा रही है। इसके अलावा बायोमेट्रिक मशीन भी लगाई जा रही है।
प्रदेश में बनाए जाएंगे 47 जीएसटी सेवा केन्द्र
मध्य प्रदेश में कुल 47 जीएसटी सेवा केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें बड़े शहर में इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में जीएसटी सेवा केंद्र सेंट्रल जीएसटी द्वारा की जाएगी। इसके लिए सर्किल ऑफिस के अधिकारी को कुछ समय अलग से निकालने के लिए कहा गया है।
42 अन्य शहरों में होगी स्टेट जीएसटी स्थापित
इसके अलावा 42 अन्य शहरों में स्टेट जीएसटी स्थापित होने जा रहे हैं, इसके लिए ऑफिसों में जगह चिह्नित कर दी गई है और ऑफिसरों को जिम्मेवारी सौंप दी गई है।
यह है सरकार का उद्देश्य
जीएसटी सेवा केंद्र बनाने के पीछे फर्जी जीएसटी पंजीयन की रोकथाम करना है, यदि व्यापारी खुद आकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करवाएगा और अपना बायोमेट्रिक देगा तो आईडी के दुरुपयोग की संभावनाएं कम हो जाएंगी। इसके अलावा फर्जीवाड़ा होने की आशंकाओ वाले आवेदनों को जीएसटी नेटवर्क द्वारा चिह्नित किया जाएगा।
किसके अधीन होगा जीएसटी नंबर स्टेट या सेंट्रल
जीएसटी सेवा केंद्र में दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद तय किया जाएगा कि जीएसटी नंबर स्टेट जीएसटी के अधीन अलॉट होगा या सेंट्रल जीएसटी के। जीएसटी सेवा केंद्र सभी नए पंजीयन सत्यापन करने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, ये मामले 10-15% हो सकते हैं।
15 दिन में तैयार होंगे सेवा केंद्र
प्रदेश जीएसटी की अपर आयुक्त रजीन सिंह ने बताया कि जो 42 डिवीजन ऑफिस में जीएसटी सेवा केंद्र बनाए जाने हैं, वे सभी 15 दिन में तैयार हो जाएंगे।
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