ग्लैमर और सपनों के सहारे क्रिप्टो में इंवेस्ट के नाम पर झटके 500 करोड़

मध्यप्रदेश के हजारों लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने की तैयारी के बारे में बताते हैं। खुद को यार्कर केपिटल मार्केट लिमिटेड का सीइओ बताने वाला लविश चौधरी पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर का निवासी है, लेकिन अब वह दुबई में रहता है।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. चिटफंड पर सख्ती के बाद अब इंवेस्टमेंट के नाम पर लोगों को ठगने वाले भी हाइटेक हो गए हैं। चंद दिन पहले सामने आए दस हजार करोड़ के क्रिप्टो करंसी फर्जीवाड़े के बाद अब ठगी के ऐसे और भी मामले उजागर हो रहे हैं। चिटफंड के पुराने नेटवर्क के सहारे फॉरेक्स ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर 500 करोड़ से ज्यादा का इंवेस्टमेंट कराने का खेल सामने आया है। देश में फॉरेक्स ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के बावजूद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर क्रिप्टो कॉइन में इंवेस्टमेंट से करोड़ों रुपए उलझाए जा रहे हैं। जबकि निवेश के नाम पर धोखे का धंधा चला रही यार्कर केपिटल मार्केट लिमिटेड ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए अफ्रीका महाद्वीप के कोमोरोस यूनियन में आने वाले मोहेली आइलैंड से लाइसेंस लिया है, जबकि ये लाइसेंस भारत में किसी भी तरह की ट्रेडिंग के लिए मान्य नहीं है। 

बीते डेढ़ दशक में प्रदेश में चिटफंड कंपनियों की ठगी से हड़कंप मचा रहा है। सैकड़ों कंपनियां लोगों की मेहनत की कमाई लेकर गायब हो गईं। लाखों लोग अपनी कमाई वापस हासिल करने के लिए अब तक थानों के चक्कर काट रहे हैं। अरबों रुपए लेकर भूमिगत हुए चिटफंडियों ने अब फॉरेक्स ट्रेडिंग और क्रिप्टो करंसी के जरिए धोखाधड़ी का कारोबार जमा लिया है। ये चिटफंडिए अपने पुराने नेटवर्क का उपयोग कर एजेंट्स इकट्ठा कर फिर लोगों से इंवेस्टमेंट कराने में जुट गए हैं। इनमें से कई चिटफंड सरगना तो सालों तक जेल की सलाखों में भी रह चुके हैं। पुलिस के हत्थे दोबारा चढ़ने से बचने के लिए अब इन्होंने भी अपने कारोबार का कलेवर बदल दिया है। 

एमपी से कराया 500 करोड़ का इंवेस्टमेंट 

चलिए अब आपको पूरे देश सहित मध्यप्रदेश के हजारों लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने की तैयारी के बारे में बताते हैं। खुद को यार्कर केपिटल मार्केट लिमिटेड का सीइओ बताने वाला लविश चौधरी पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर का निवासी है लेकिन अब वह दुबई में रहता है। उसने टीएलसी कॉइन के नाम से अपनी खुद की क्रिप्टो करंसी लांच की है। पुराने चिटफंडिए और जल्द करोड़पति बनने की चाहत रखने वाले युवाओं के नेटवर्क के जरिए लविश ने उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के अलावा मध्यप्रदेश में भी तगड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है। राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, उज्जैन और दूसरे बड़े शहरों में लविश के 1000 से ज्यादा एजेंट सक्रिय हैं। बीते 6 महीनों में ही प्रदेश से 500 करोड़ से ज्यादा का निवेश टीएलसी कॉइन में हुआ है। 

बॉलीवुड, क्रिकेट स्टार्स के ग्लैमर से प्रमोशन 

लविश की फॉरेक्स ट्रेडिंग कंपनी लोगों को झांसा देने के लिए बड़े_बड़े इवेंट्स का आयोजन करती है। इसमें वे नामचीन बॉलीवुड स्टार, गायक और क्रिकेटर्स को भी बुलाते हैं। मलेशिया,  दुबई, थाईलैंड में होने वाली ऐसी पार्टियों की चकाचौंध में डूबकर लोग धोखा जाते हैं और मोटे मुनाफे के चक्कर में निवेश कर बैठते हैं। लविश के एजेंट लोगों को ठगी के जाल में फांसने यूट्यूब पर मौजूद इन्हीं पार्टियों के वीडियो, रील्स दिखाते हैं। ग्लैमर के प्रभाव में आने वाले लोग भी धोखाधड़ी के शिकार लोगों की लिस्ट में शामिल हो जाते हैं।

पुलिस-जांच एजेंसियों को नहीं परवाह 

प्रदेश में बीते डेढ़ दशक में रियल एस्टेट, प्लांटेशन, फार्मिंग के नाम पर चिटफंड कंपनियां अरबों रुपए की ठगी कर चुकी हैं। अब फॉरेक्स ट्रेडिंग के दौर में लविश के एक हजार से ज्यादा एजेंट टीएलसी कॉइन के नाम पर  500 करोड़‍ से ज्यादा रुपया दुबई भेज चुके हैं। एमपी से ही इतना बड़ा अमाउंट विदेश चला गया लेकिन किसी भी जांच एजेंसी को भनक नहीं लगी। कुछ महीने पहले भी ऐसी शिकायतें सामने आई थीं तब भी पुलिस के अलर्ट होने से पहले ही एक हजार करोड़ समेट कर सागा ग्रुप का मालिक समीर अग्रवाल दुबई भाग चुका था। अग्रवाल को एमपी के अलावा दूसरे राज्यों की पुलिस भी तलाश रही हैं। इधर यार्कर कैपिटल का मास्टरमाइंड अफ्रीका के नजदीकी कोमोरोस आइलैंड के ट्रेड लाइसेंस धोखाधड़ी कर कभी भी भूमिगत हो सकता है। तब लोगों के पसीने की कमाई का क्या होगा ? प्रदेश से क्रिप्टो करंसी के रूप में हर महीने करोड़‍ों रुपए विदेश जा रहा है लेकिन इस पर भी पुलिस की नजर नहीं है। 

ऐसे बुनता है धोखे का जाल 

लविश की ऑनलाइन कंपनी ने निवेशकों में भरोसा जमाने के लिए दुबई में शेख जयद रोड पर अल मूसा टॉवर के दूसरे तल पर अपने ऑफिस होने का पता दिया है। जबकि इस स्थान पर यार्कर केपिटल नहीं दूसरी कंपनियां संचालित हैं। लविश अपने ट्रेड सॉफ्टवेयर पर जुड़ने के लिए लोगों से 125 डॉलर  जमा कराता है। ये राशि फॉरेक्स ट्रेड अकाउंट में जमा कराने के बाद लॉक हो जाती है। इसके बाद पूरा कारोबार वर्चुअल होता है लेकिन कॉइन खरीदने के लिए अलग_अलग प्लान आधारित अमाउंट भी जमा करना होता है। लविश के प्लान इतने आकर्षक हैं कि लोग फायदे के सपनों में डूब जाते हैं और उनकी जेब से रुपया साफ हो जाता है। क्रिप्टो करंसी टीएससी में निवेश करने पर हर महीने 10 से 15 प्रतिशत लाभ होने का वादा किया जाता है जो बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। यही नहीं बड़े इंवेस्टमेंट करने या कराने पर मर्सडीज, रेंज रोवर, पोर्से ही नहीं रॉल्स रॉयस की फैंटम जैसी लग्जरी कार और दुबई में आलीशान बंगले देने का भी वादा किया जा रहा है। 

क्या होती है क्रिप्टो करंसी और फारेक्स ट्रेडिंग 

फॉरेक्स का कारोबार यानी क्र फॉरेक्स मार्केट में होता है , जो सप्ताह में पांच दिन, दिन में 24 घंटे मुद्राओं को खरीदने और बेचने के लिए खुला रहता है। इस बाजार का इस्तेमाल बैंक, व्यवसाय, निवेश फर्म, हेज फंड और खुदरा व्यापारी करते हैं। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा होती है। यानी एक तरह से ऑनलाइन  चलने वाली मुद्रा जो कोडिंग के जरिए इंक्रिप्टेड होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा चिह्नित किया जाता है। एक ऐसा नेटवर्क जो इंटरनेट और कम्प्युटर के जरिए उपयोग किया जाता है। इस मुद्रा का नकली बनाना संभव नहीं है। इस मुद्रा को ऑनलाइन पूरी तरह सुरक्षित रूप से उपयोग में लाया जा सकता है और इसमें जोखिम बहुत कम होता है। लेकिन अभी भारत में ऐसी कोई अधिकृत मुद्रा चलन में नहीं है।

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