जबलपुर के शासकीय मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें लगभग 70 छात्राओं को ब्लैकमेल किया जा रहा है। आरोप है कि आरोपी ने छात्राओं की AI जनरेटेड न्यूड वीडियो उनके मोबाइल पर भेजकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया है। इस ब्लैकमेलिंग का सिलसिला पिछले दो सप्ताह से चल रहा है, जिसमें अब तक 25 से 30 छात्राएं इन ब्लैकमेलर्स को पैसे भी दे चुकीं हैं।
पुलिस अधिकारी बन किया फोन
पीड़ित छात्रा ने बताया कि आरोपी छात्राओं को धमकाने के लिए पुलिस अधिकारी बनकर फोन कर रहा है और उनसे पैसे की मांग कर रहा है। आरोपी ने पहले पीड़ित छात्रा को फोन पर कॉल कर उससे बात की और उसे बताया कि उसका नाम विक्रम गोस्वामी है । फिर व्हाट्सएप पर उसकी न्यूड वीडियो भेज कर उसे ब्लैकमेल कर रूपयों की मांग करने लगा। आरोपी ने छात्रा का नंबर वायरल करने की भी उसे धमकी दी जिसके बाद डर के कारण छात्रा ने अपना मोबाइल बंद कर दिया, दूसरे दिन छात्रा के पास किसी और व्यक्ति का फोन आया। जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और पुलिस और मीडिया का डर दिखाते हुए उससे रुपए मांगे। यह घटना जबलपुर के थाना मदन महल क्षेत्र की है, और अब तक कई छात्राएं इस घिनौनी हरकत का शिकार हो चुकी हैं। पुलिस के अनुसार, यह घटना केवल आर्थिक ब्लैकमेलिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक उत्पीड़न का भी मामला है, जिससे छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की छात्र इकाई ने महाविद्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। अभाविप की आँचल मिश्रा सहित कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय प्रशासन और पुलिस से इस मामले में त्वरित कार्यवाही की मांग की है। छात्र संगठन का कहना है कि ऐसी घटनाओं से छात्राओं की सुरक्षा खतरे में है और जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आरोपी गिरफ्तार हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की है, जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया है कि साइबर टीम के जरिए मोबाइल नंबर और उन उपकरणों का पता लगाया जा रहा है जिनसे यह तस्वीरें या वीडियो बनाई और भेजी जा रही हैं। अब तक किसी आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
ऐसे मामलों में सतर्कता और जागरूकता की जरूरत
इस तरह के मामलों का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। डिजिटल तकनीक के दुरुपयोग और सोशल मीडिया के जरिए ब्लैकमेलिंग के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। कुछ वर्ष पहले दिल्ली में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक कॉलेज की छात्रा को उसकी नकली तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किया गया था। इसके अलावा, मुंबई में भी एक ऐसा ही केस रिपोर्ट हुआ था, जहां पीड़िता को सोशल मीडिया पर अपमानित किया गया था।
अपराधी कर रहे हैं AI का दुरुपयोग
इन मामलों से साफ होता है कि AI और डिजिटल तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ ही इसका दुरुपयोग भी बढ़ रहा है, और इसके प्रति लोगों में जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने की अत्यधिक जरूरत है। खासकर, छात्राओं और युवा वर्ग को अपनी ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। जबलपुर की यह घटना न केवल शहर के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। इसमें तकनीक का दुरुपयोग करते हुए निर्दोष छात्राओं को मानसिक और आर्थिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं पर कड़ी निगरानी और प्रभावी कानून लागू करने की सख्त आवश्यकता है ताकि दोषियों को उनके अपराध की सजा मिल सके।
एबीवीपी ने की शिकायत
शिकायत करने पहुंचे विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं सहित कॉलेज की छात्राओं ने इस फ्रॉड की शिकार लगभग 70 लड़कियों को बताया है। जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि अभी दो लड़कियों की FIR मदन महल थाने में दर्ज की जा रही है जिन्होंने 2 से 3 हज़ार रुपए इन ब्लैकमेलर्स को दिए हैं उन्होंने बताया कि अभी इस मामले में और भी जानकारी सामने आएगी लेकिन उन्होंने अभी कुल पीड़ित लड़कियों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।
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