भोपाल. राजधानी भोपाल के स्कूल में 8 साल की बच्ची से रेप के मामले में नए-नए मोड़ आ रहे हैं। अब बच्ची की मां के चरित्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जो भी हो पर उस आठ साल की मासूम का क्या दोष है? वह दर्द से कराह रही है। उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं। मां भी अपनी बात कहते-कहते रो पड़ती है। उसका गला भर आता है। परिवार बेहाल है।
मुझे मोदी साहब ने भेजा है
इस पूरे मामले में मिसरोद थाने के सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत की भूमिका सवालों के घेरे में है। अब पता चला है कि सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत बच्ची का मेडिकल कराने अस्पताल पहुंचा था। तब उसने बच्ची की मां से कहा था कि मुझे मोदी साहब ( स्कूल संचालक ) ने भेजा है। शिकायत मत करो, इसके बदले में तुम्हें पैसे दिला दूंगा। बच्ची की मां ने मीडिया को दिए बयान में इसके आरोप लगाए हैं।
तीन साल पहले ली थी रिश्वत
अब आते हैं सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत की कहानी पर। तीन साल पहले की बात है। लोकायुक्त पुलिस ने मिसरोद थाने के इसी सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। राजपूत ने थाने से जमानत देने के एवज में एक युवक से 10 हजार रुपए की डिमांड की थी। बाद में 8 हजार रुपए में बात पक्की हुई। रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया था।
जमानत कराने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
भोपाल के रेतघाट तलैया क्षेत्र में रहने वाले मसूद अली कहते हैं, सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत ने उनसे रिश्वत मांगी थी। मामला यह था कि उनके भतीजे शाईम अली का आशिमा माल के पास कुछ लड़कों से विवाद हो गया था। मिसरोद थाने में इसकी रिपोर्ट हुई। काउंटर केस हुआ। मतलब, दोनों तरफ से एफआईआर की गई। सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत ने अली को फोन कर शाईम की गिरफ्तारी नहीं करने को लेकर 10 हजार रुपए मांगे थे।
कारनामों की लंबी फेहरिस्त
सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह राजपूत की कारगुजारियों की फेहरिस्त लंबी है। रिश्वत कांड में पकड़े जाने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन उसने सेटिंग कर फिर मिसरोद थाने में पदस्थापना ले ली थी। बच्ची से रेप केस के पहले भी सब इंस्पेक्टर के कारनामे सामने आते रहे हैं।
राजपूत आया था एडमिशन कराने
इधर, स्कूल की संचालिका ने मीडिया को दिए बयान में अलग थ्योरी बताई है। उसने कहा, हमें विश्वास है कि किसी प्लान के तहत आरोप लगाए गए हैं। जांच में सब साफ हो जाएगा। बच्ची की मां कई लोगों को फंसा चुकी है। 19 अप्रैल को बच्ची का एडमिशन कराया था। तब बच्ची की मां और एसआई प्रकाश सिंह राजपूत स्कूल आए थे। हम उन्हें पहले से जानते थे, इसलिए एडमिशन दे दिया था।
मेडिकल में रेप की बात आई
भोपाल डीसीपी श्रद्धा तिवारी ने बताया कि पीड़ित बच्ची की मां की रिपोर्ट पर हमने केस दर्ज कर लिया है। बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट के साथ छेड़खानी की पुष्टि हुई है। हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर जब्त कर लिए हैं। पुलिस पांच दिनों के फुटेज चेक करने के बाद आरोपियों की पहचान की कोशिश करेगी।
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