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आधार कार्ड को लेकर इंदौर हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश दिया है। मामला एमपीसीए (मप्र क्रिकेट एसोसिएशन) के फैसले से जुड़ा हुआ है, जिसके खिलाफ अंडर 19 का क्रिकेटर हाईकोर्ट गया था। विवाद जन्मतिथि को लेकर था। इस पर हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया।
यह कहा हाईकोर्ट ने
हाईकोर्ट में एमपीसीए के खिलाफ एक अंडर 19 क्रिकेटर ने इस मुद्दे पर याचिका लगाई कि उनकी जन्मतिथि आधार कार्ड में गलत थी, लेकिन एमपीसीए ने इस आधार पर ही मुझे अंडर 19 क्रिकेटर मानने से इनकार कर दिया। इस पर हाईकोर्ट जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच ने आदेश दिया कि- आधार कार्ड जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है। हालांकि इसे जन्मतिथि की पुष्टि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जन्मतिथि के संबंध में प्राथमिक दस्तावेज हमेशा स्कॉलर रजिस्टर ही होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एमपीसीए के पत्र को भी खारिज कर दिया।
आधार में जन्मतिथि अलग थी
अंडर 19 क्रिकेटर के आधार कार्ड में गलती से जन्मतिथि 26 जुलाई 2004 थी। इस आधार पर एमपीसीए ने क्रिकेटर को टीम में नहीं लिया। हालांकि क्रिकेटर ने आधार में जन्मतिथि सुधरवाकर 15 अक्तूबर 2006 करा दिया था लेकिन एमपीसीए ने पूर्व आधार कार्ड की जन्मतिथि को ही मान्य किया। इसके खिलाफ क्रिकेटर हाईकोर्ट गया था।
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