संजय गुप्ता @ INDORE. नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले ( fake bill scam ) के किंगपिन इंजीनियर अभय राठौर ( Engineer Abhay Rathore ) की जमानत याचिका पर 1 जून शनिवार को सुनवाई होना है। इस सुनवाई पर राठौर ही नहीं बल्कि नगर निगम के इंजीनियर सुनील गुप्ता सहित कई पूर्व और वर्तमान सीनियर अधिकारियों की नजरें लगी है। कारण है राठौर द्वारा उनकी पत्नी के माध्यम से दिया गया शपथपत्र।
राठौर ने क्या खेला है दांव ?
इस घोटाले में जब पहली FIR 16 अप्रैल को हुई, तब इसमें राठौर आरोपी नहीं था। तब केवल फर्म के पांच ठेकेदार ही थे। लेकिन उनकी गिरफ्तारी होने के बाद उन्होंने बताया कि राठौर के कहने पर वह यह सब करते थे। इसके बाद उसे आरोपी बनाया गया। अब राठौर ने इसी आधार पर कोर्ट में तर्क रखे हैं कि मुझे केवल गिरफ्तार ठेकेदारों के बयानों से आरोपी माना गया, जो सही नहीं है। इस घोटाले का मुख्य व्यक्ति इंजीनियर सुनील गुप्ता है और जबकि मुझे केवल बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है तो अब मेरे बयान के आधार पर गुप्ता को भी आरोपी बनाया जाए। राठौर ने कहा कि गुप्ता ने सीनियर अधिकारियों के साथ मिलकर यह पूरा खेल रचा और ड्रेनेज विभाग की इन फाइल से भुगतान कराया। मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है।
राठौर ने पत्र लिखकर टीआई सिसौदिया और गुप्ता पर लगाए थे आरोप
राठौर ने पुलिस कमिशनर राकेश गुप्ता के नाम पर 22 अप्रैल को दो पन्नों का एक पत्र भी भेजा था। इसमें एमजी रोड थाने में इस मामले में प्रारंभिक तौर पर 28 करोड़ के घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर को लेकर जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि गुप्ता ने निजी शत्रुता के चलते मुझे केस में उलझाया है। गुप्ता ने ही यह फर्जी फाइल बनवाई और फिर अपनी कार से गायब करवाई। गुप्ता और एमजी रोड टीआई विजय सिंह सिसौदिया घनिष्ठ मित्र है। दोनों ने चर्चा की और फिर इस घोटाले की मूल फाइल को नष्ट किया और फिर थाने में सूचना चोरी की लिखाई। सिसौदिया ने 18 अप्रैल को मुझे बुलाकर डराया भी था। गुप्ता और टीआई सिसौदिया की सांठगांठ है।
लेकिन राठौर के खिलाफ है कई सबूत, ट्रेचिंग ग्राउंड कांड भी सामने
उधर पुलिस का कहना है कि राठौर पर केवल बयानों के आधार पर एफआईआर नहीं हुई है, इन बयानों को क्रास चेक किया गया है और कई सबूत जुटाए गए हैं, इसके बाद ही केस दर्ज हुआ है। वहीं इस घोटाले में अब ट्रेचिंग ग्राउंड में बायोरेमिडेशन के नाम पर फर्जी काम दिखाकर ठेकेदारों द्वारा भुगतान लेने पर आठवीं एफआईआर हो गई है।
इस काम में सीधे राठौर की संलिप्तता दिख रही है लेकिन अभी इसमें किंग कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार मोहम्मद जाकिर, ग्रीन कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार और जाकिर के पिता मोहम्मद सिद्दकी और जान्हवी इंटरप्राइजेस के राहुल वढेरा को आरोपी बनाया गया है। इन्होंने यहां बायोरेमिडेशन काम के लिए फर्जी तरीके से पोकलेन लगी होना बताकर 3.50 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान लिया। जाकिर ने 1.40 करोड़ रुपए तो सिद्दकी और वढेरा की फर्म को 1.09-109 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ।
राठौर इस दौरान ट्रेचिंग ग्राइंड में इस काम का प्रभारी था। पुलिस ने जेल में बंद जाकिर, सिदद्दकी और वढेरा को फिर कोर्ट से रिमांड पर लिया है। इन सभी पर धारा 420, 467, 468, 120बी व अन्य धाराओं में केस हुआ है। पुलिस फिर इनके बयान ले रही है और इसमें राठौर के खिलाफ बयान होते हैं तो फिर इनके बयान व अन्य सबूतों के आधार पर राठौर इस केस में भी आरोपी बन सकता है।