सतना जिले की एक महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बाल खाने की लत लग गई। वह खुद के बालों को तो खाती ही थी, आसपास पड़े दूसरों के बालों को भी खा लेती थी। बच्चे को जन्म देने के बाद उसने बाल खाना बंद कर दिया। कुछ समय बाद उसके पेट में दर्द होने लगा। लगातार उल्टियां होने लगीं। भोजन करना मुश्किल हो गया। परेशानी हद से ज्यादा बढ़ने पर महिला डॉक्टर के पास पहुंची। चेकअप के बाद डॉक्टर ने महिला के पेट का ऑपरेशन किया तो बालों का करीब ढाई किलो का गुच्छा निकला।
पेट बालों से पूरी तरह भरा था
ऑपरेशन करने वाली डॉ. निर्मला गेहानी ने बताया कि महिला को पेट में बीते 6 महीने से सहन ना कर पाने वाला दर्द हो रहा था। उल्टियां भी होने लगी थीं और डाइट भी काफी कम हो गई थी। बांदा मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज कराने के बावजूद राहत नहीं मिली। इसके बाद पीड़ित सतना जिले के चित्रकूट में सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट के जानकीकुंड अस्पताल आई। उसे लगातार उल्टियां हो रही थीं। ऐसी हालत में महिला की मौत भी हो सकती थी। जांच में अल्ट्रासाउंड से पेट में बालों का गुच्छा होने का पता चला। उसका पेट बालों से पूरी तरह भरा था। बालों के गुच्छे का आकार पेट की तरह ही हो गया था। डॅाक्टर की टीम ने ऑपरेशन कर इसे बाहर निकाला।
मेडिकल भाषा में ट्राइकोमेज्योर कहा जाता है
सीनियर सर्जन डॉ. निर्मला गेहानी ने कहा, 'इस प्रकार के केस को मेडिकल भाषा में ट्राइकोमेज्योर कहा जाता है। बाल खाने वाली महिलाएं अक्सर कम उम्र की होती हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस प्रकार के एक प्रतिशत मामले ही सामने आते हैं। मेरे पूरे करियर में इस प्रकार के कुल तीन केस ही आए हैं। एक मरीज नौ साल का बच्चा था, दूसरी 18 साल की लड़की और अब यह तीसरा केस 25 वर्षीय महिला का सामने आया है।
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