MP News: भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Bhopal) ने प्रदेश का पहला सफल कैडेवर ऑर्गन डोनेशन कर एक मिसाल कायम की है। 60 वर्षीय शंकर लाल कुबरे, जो सड़क हादसे में ब्रेन डेड घोषित हुए, उनके अंगों से तीन लोगों को नया जीवन मिला। यह सफलता एम्स द्वारा किए गए 31 असफल प्रयासों के बाद संभव हो सकी। AIMS का यह दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट(heart transplant) और 11वां किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney transplant) रहा।
एक साल की मेहनत, 31 असफलताएं और आखिरकार सफलता
AIIMS भोपाल की विशेष टीम पिछले एक साल से ब्रेन डेड डोनेशन को लेकर काम कर रही थी। हर संभावित केस में मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया गया। यह 32वां प्रयास सफल रहा जिसमें मृतक शंकर लाल कुबरे के परिवार ने बहुत ही सराहनीय निर्णय लिया।
हादसा और ब्रेन डेड की घोषणा
24 मई को ओबेदुल्लागंज के निवासी शंकर लाल सड़क हादसे में घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें एम्स भोपाल लाया गया, जहां 27 मई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
परिवार ने दिखाई इंसानियत की मिसाल
कुबरे के परिवार ने भावनात्मक परिस्थिति में भी मानवता को प्राथमिकता दी। उनकी पत्नी ने कहा, "अगर मेरे पति किसी की जान बचा रहे हैं, तो यह हमारे लिए गर्व की बात है।"
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तीन को मिला नया जीवन
शंकर लाल कुबरे के अंगों से एक हार्ट और एक किडनी एम्स भोपाल में ट्रांसप्लांट किए गए,
दूसरी किडनी बंसल अस्पताल में एक मरीज को दी गई।
बच्चों के लिए भी उम्मीद की किरण
AIIMS अब पीडियाट्रिक किडनी ट्रांसप्लांट की दिशा में भी काम कर रहा है। एक बच्चे का मिलान हो चुका है, जल्द ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
राष्ट्रीय आंकड़ों में एम्स भोपाल की उपलब्धि
NOTTO की 2023 रिपोर्ट के अनुसार: