MP NEWS: AIIMS भोपाल ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) द्वारा जारी रैंकिंग में डिजिटल ओपीडी टोकन जनरेशन के मामले में एम्स भोपाल को देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। अस्पताल ने अब तक 1.45 मिलियन से अधिक ओपीडी टोकन स्कैन एंड शेयर तकनीक के माध्यम से जनरेट किए हैं। एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने इस सफलता को संस्थान की डिजिटल रूपांतरण यात्रा की बड़ी उपलब्धि बताते हुए पूरी टीम को बधाई दी है।
डिजिटल रजिस्ट्रेशन का तरीका
अब मरीज स्मार्टफोन का उपयोग करके अस्पताल परिसर में उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। तुरंत ओपीडी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। यह डिजिटल प्रक्रिया न केवल समय बचाती है बल्कि अस्पतालों में भीड़ को भी कम करती है, जिससे मरीजों को एक तेज, सहज और अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलता है।
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एम्स भोपाल की सफलता
एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने इस सफलता पर टीम को बधाई दी है। उन्होंने इसे संस्थान के डिजिटल स्वास्थ्य परिवर्तन में निरंतर प्रयासों का परिणाम बताया। सिंह ने कहा कि ‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा के माध्यम से ओपीडी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अधिक सुगम और कम समय में किया गया है। यह उपलब्धि एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है और यह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन के लिए संस्थान द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का प्रतीक है।
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ओपीडी रजिस्ट्रेशन में भोपाल
रैंकिंग के अनुसार, देश में पहला स्थान एम्स नई दिल्ली ने प्राप्त किया है, जबकि दूसरा स्थान एम्स भोपाल ने हासिल किया है। यह सफलता संस्थान के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जिन्होंने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए कठिन प्रयास किए हैं।
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एम्स भोपाल का योगदान
एम्स भोपाल की इस डिजिटल पहल ने मरीजों के लिए प्रतीक्षा समय को काफी कम कर दिया है और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और अधिक सरल और त्वरित बना दिया है। इस डिजिटल बदलाव से न केवल मरीजों को लाभ हुआ है, बल्कि अस्पताल प्रशासन को भी कार्यों में सुधार देखने को मिला है।
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