संजय गुप्ता@ इंदौर.
कांग्रेस से भागकर बीजेपी में गए अक्षय कांति बम ( Akshay Bam ) और उनके पिता कांति बम ( Kanti Bam ) दोनों को अग्रिम जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने दोनों के आवेदन को मंजूर करते हुए अग्रिम जमानत को स्वीकार कर लिया। हालांकि औपचारिक आदेश आना बाकी है।
मंत्री के जन्मदिन में गए थे बम
इस दौरान बम के अधिवक्ता योगेश गुप्ता ने बताया कि हम तो इस केस में पहले पेश हो चुके थे, लेकिन इस केस को यहां तक पहुंचने में 17 साल लगे। इसमें हमारी गलती नहीं। 10 मई को कोर्ट में पेश होना था लेकिन प्रदेश के एक मंत्री के जन्मदिन में होने के चलते नहीं आ सके।
10 मई को जारी हुआ था वारंट
अक्षय और पिता कांति बम दोनों ने ही हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ने के बाद कोर्ट में लगी पेशी के दिन पेश होने में असमर्थता जता दी थी। अक्षय बम ने झूठ बोला था कि वह पारिवारिक कारण से बाहर है, इसलिए मोहलत दी जाए, लेकिन वह उस दिन राजनीतिक आयोजनों में थे। वहीं पिता कांति बम ने स्वास्थ्य समस्या का हवाला दिया था। इस पर कोर्ट ने दोनों का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। इधर इस पूरे मामले में पुलिस ने बम पिता-पुत्र को गिरफ्तार वारंट जारी होने के बाद पूरी छूट थी कि वह जमानत के लिए पूरी कोशिश कर लें। इसलिए जिला कोर्ट से आवेदन खारिज होने के बाद और हाईकोर्ट में दस दिन तक केस चलने के बाद भी पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की और उलट घर पर सुरक्ष मुहैया कराई।
पहले खुले घूम रहे थे बोल रहे थे कहीं भागने वाला नहीं हूं
गिरफ्तारी वारंट पुलिस को मिलने से पहले बम खुलेआम घूम रहे थे और यहां तक कहा था कि वह कहीं भागने वाले व्यक्ति नहीं है। 13 मई को वोट डालने गए और उधर घर पर 29 अप्रैल से ही पुलिस सुरक्षा में तैनात थी। मीडिया से कहा था कि मैं कहीं भागने वाला नहीं हूं, लॉ का स्टूडेंट हूं लॉ जानता हूं। फरियादी युनुस खान और उनके अधिवक्ता मुकेश देवल ने इस मामले में पुलिस आयुक्त से मिलकर पुलिस सुरक्षा हटाने की मांग की थी।
हाईकोर्ट में 17 मई को लगाई थी पिता-पुत्र ने याचिका
अक्षय और पिता कांति बम दोनों की अग्रिम जमानत एक बार जिला कोर्ट से खारिज हो चुकी है। यह आवेदन उन्होंने दस मई को सुनवाई के पहले ही लगा दिया था। इसके बाद 10 मई को जिला कोर्ट ने पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अब वारंट जारी होने के बाद दोनों की याचिका पर हाईकोर्ट में 17 मई शुक्रवार को भी सुनवाई हुई थी। इसमें फरियादी के अधिवक्ता मुकेश देवल ने आपत्ति ली थी और कहा कि हमे अभी वकालतनामा व अन्य दस्तावेज पेश करने के लिए समय चाहिए। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसमें अगली तारीख 24 मई लगा दी थी, अब 29 मई को अगली सुनवाई है।
उधर बम ने 307 को लेकर भी लगाई है रिवीजन याचिका
अक्षय बम ने जिला कोर्ट द्वारा 17 साल पुराने मामले में हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ाने के आदेश के खिलाफ भी रिवीजन याचिका लगा दी है। इस पर भी शुक्रवार 24 मई को सुनवाई रखी गई थी लेकिन इसमें जुलाई तक समय बढ़ चुका है।
कांग्रेस ने पोस्टर लगा चुकी
कांग्रेस ने इस मामले में दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पहले कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जो बम को ढूंढेगी और इसकी सूचना पुलिस को देगी और इसके बाद शहर में पोस्टर भी लगा दिए और जानकारी देने वालों के लिए 5100 रुपए के ईनाम की घोषणा कर दी। डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा का कहना है कि 8 जुलाई तक पेश करना है, हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।
बम घर नहीं जा रहे, कॉलेज में ही रूक रहे
सुरक्षा से चिंतित बम को लेकर कांग्रेस के आरोप है कि वह अपने कॉलेज में बढ़िया तरीके से रह रहा है औऱ् कानून को ताक पर रखा हुआ है। कांग्रेस प्रदेश महासिचव राकेश यादव ने कहा कि कॉलेज के अंदर ही सभी लग्जरी सुविधाएं मौजूद है और वह भगोड़ा बनने के बाद वहीं पर आराम से रह रहा है। पुलिस को हम सूचित कर चुके हैं लेकिन कोई गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं है।
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