बीजेपी में जाने वाले अक्षय बम पर पुलिस मेहरबान, कॉलेज के विवाद में बार-बार मांग रही समय

अक्षय बम के कॉलेज को लेकर पुरानी फैकल्टी ने 1 मई को परिवाद दायर किया था। इसकी सुनवाई 10 मई को हुई थी। इसमें पुलिस को जवाब देने के लिए 10 जुलाई तक का समय दिया गया था। 

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
अक्षय बम
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से पर्चा भरकर ऐनवक्त पर बीजेपी में जाने वाले अक्षय कांति बम पर अब इंदौर पुलिस पूरी तरह से मेहरबान है। उनके कॉलेज में फैकल्टी विवाद और फर्जीवाड़े के जरिए मान्यता लेने संबंधी केस में वह जवाब तक नहीं दे रही है।

पुलिस ने इस बार कोर्ट में दो माह का समय मांग लिया है। इसके पहले भी जब बम का धारा 307 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, तब भी पुलिस ने इसमें गिरफ्तारी नही की थी, बाद में बम को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। 

फैकल्टी को लेकर कोर्ट में दायर है परिवाद

अक्षय के कॉलेज को लेकर पुरानी फैकल्टी ने 1 मई को परिवाद दायर किया था। इसकी सुनवाई 10 मई को हुई थी। इसमें पुलिस को जवाब देने के लिए 10 जुलाई तक का समय दिया गया था। 10 जुलाई को राऊ पुलिस ने बम का बयान लेने और अन्य इन्वेस्टिगेशन के लिए सरकारी वकील के माध्यम से फिर 2 माह का समय मांगा है।

पुलिस ने बोला जांच में लग रहा है समय

वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि अक्षय के अभी बयान नहीं हुए हैं, फैकल्टी व अन्य जानकारी भी लेना बाकी है।

इसके लिए समय लग रहा है। कुन्हारे ने बताया कि जब फैकल्टी ने इनकी शिकायत की तो कॉलेज ने यह डेटा क़ॉलेज की साइट से हटा लिया, लेकिन तब तक इन्होंने पैन ड्राइव में यह ले लिया था। इसके लिए समय लग रहा है।  

यह है मामला

अक्षय के कॉलेज इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की पुरानी फैकल्टी डॉ कविता दवे, विशाल पुराणिक, रूपाली व अन्य असिस्टेंट और एसोशिएट प्रोफेसर के पद पर कॉलेज में नौकरी करते थे। सभी ने काफी समय पहले कॉलेज छोड़ दिया था।

इसके अलावा रश्मि शुक्ला नाम की फैकल्टी ने नवंबर 2022 में सुसाइड कर लिया था। इसके बावजूद कॉलेज मैनेजमेंट ने वेबसाइट पर नेशनल इंस्टीटयूशन रैंकिग फ्रेमवर्क के डेटा में इन्हें कालेज में नियमित नौकरी पर दिखाया।

यह डेटा मार्च अप्रैल 2024 में ही अपलोड किया गया। फैकल्टी के दस्तावेज के जरिए नेट रैंकिग A+ एवं ऑटोनॉमस स्टेटस भी प्राप्त किया था। इस मामले में परिवाद बनाकर कोर्ट में माननीय न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जिसमें अब दो माह का और समय लिया गया है।

इनके कॉलेज से पेपर भी लीक हो चुका

अक्षय बम के एक अन्य कॉलेज आइडालिक भी विवाद में हैं। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी का एमबीए का पेपर लीक यहीं से हुआ था। यह पुलिस की जांच में आ चुका है और स्टॉफ पर केस भी हो चुका है। वहीं यूनिवर्सिटी ने भी इस कॉलेज की मान्यता रद्द करने की बजाय मात्र पांच लाख की पेनल्टी लगाकर मामला रफादफा कर दिया।

sanjay gupta

thesootr links


  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

Akshay Bam अक्षय बम Politics regarding Akshay bam Akshay Bam faculty dispute