बम कोर्ट नहीं आना चाहते, हाजिरी माफी का आवेदन लगा, उधर फरियादी ने जमानत खारिज का आवेदन लगाया

अक्षय कांति बम और उनके पिता कांति बम के खिलाफ 17 साल पुराने जमीन विवाद मामले में शुक्रवार ( 10 मई ) को इंदौर जिला कोर्ट में एक नया आवेदन लगाया गया है। बम पर पिछली पेशी में धारा 307 बढ़वाने वाले जमीन मालिक ने कहा कि अब बम की जमानत रद्द की जाए। 

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Pratibha ranaa
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Akshay Kanti Bam
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संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस से बीजेपी में गए अक्षय कांति बम (  Akshay Kanti Bam ) धारा 307 हत्या के प्रयास में लगे केस को लेकर जिला कोर्ट में पेश नहीं होना चाहते हैं। उन्हें कोर्ट ने दस मई को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन अब उनकी ओर से अधिवक्ता ने हाजिरी माफी का आवेदन लगाया है। दोपहर तक वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। उधर एक नई उलझन और बढ़ गई है, फरियादी ने बम की जमानत खारिज करने का आवेदन लगा दिया है।

बम ने बाहर होने का और पिता ने बीमार होने का आवेदन लगाया

बम को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। पारिवारिक कार्यक्रम के कारण बाहर होने का हवाला दिया है। साथ ही आरोपी पिता कांति बम भी बीमारी का हवाला देकर कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। कोर्ट को बताया गया कि वे बीमार है। इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने दस दिन के बेड रेस्ट के लिए बोला है। इधर वकीलों का कहना है कि मामले में अब हाजिरी माफी न मिली तो उनका वारंट जारी हो सकता है।

फरियादी ने यह लगाया आवेदन

अक्षय कांति बम और उनके पिता कांति बम के खिलाफ 17 साल पुराने जमीन विवाद मामले में शुक्रवार ( 10 मई ) को इंदौर जिला कोर्ट में एक नया आवेदन लगाया गया है। बम पर पिछली पेशी में धारा 307 बढ़वाने वाले जमीन मालिक ने कहा कि अब बम की जमानत रद्द की जाए। मामले में आगजनी की धारा 436 बढ़वाने के संबंध में भी सुनवाई होना है। खजराना के युनूस पटेल से अक्षय और कांति का जमीन विवाद था। 2007 में इसे लेकर पथराव, बलवा आदि का मामला दर्ज कराया गया था। इसी की सुनवाई के दौरान पिछली पेशी में पिता-पुत्र के खिलाफ धारा 293, 323, 506,147,148 के अलावा धारा 307 भी बढ़ा दी गई थी। 

कोर्ट ने यह दिए थे 24 अप्रैल को आदेश

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निधि नीलेश श्रीवास्तव ने आरोपियों को 10 मई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। फरियादी के धारा 161 में दिए गए बयान को आधार मानते हुए कोर्ट ने खजराना थाना प्रभारी को केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही धारा 428 के तहत अभियुक्तों की अभिरक्षा की अवधि का प्रमाण पत्र भी प्रकरण में संलग्न करने के लिए कहा गया है। फरियादी के वकील मुकेश देवल के मुताबिक प्रकरण पिछले 17 साल से चल रहा है। कोर्ट ने हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाने के निदेश दिए थे। हमने आज कोर्ट में बम की जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन लगाया है। उन्हें आज कोर्ट में पेश होना है।

यह है 17 साल पुराना जमीन विवाद

4 अक्टूबर 2007 को सुबह 10:30 बजे से शाम 4:15 बजे के बीच आरोपियों ने फरियादी यूनुस पटेल के गांव में जाकर उसकी जमीन पर काम कर रहे नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट करते हुए वहां कटी हुई रखी सोयाबीन में आग लगा दी थी। फरियादी जब अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटा तो आरोपी कांतिलाल बम, उनके बेटे अक्षय, सतवीर, सुरक्षा गार्ड मनोज, सोनू एवं अन्य 7-8 लोग बंदूक लेकर आए। कांतिलाल ने कहा था कि यही यूनुस गुड्डू है। इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। सतवीर ने गोली चलाई, लेकिन तभी रिंकू ने यूनुस का हाथ पकड़ कर उसे पीछे से खींच लिया था और गोली यूनुस के पास से निकल गई थी।

फरियादी के धारा 161 में हुए थे बयान

फरियादी युनुस के दिनांक 19.10.2007 को धारा 161 के तहत बयान हुए थे। इसमें यूनुस ने कहा था कि, सतवीर सिंह ने मुझ पर गोली चलाई और तभी मेरे साथी रिंकू वर्मा ने हाथ पकड़ कर खींच लिया। जिससे गोली मेरे पास से निकल गई। साक्षी कैलाश, उस्मान ने भी अपने बयान में युनुस पटेल पर गोली चलाने की बात कही थी। पुलिस ने भी घटनास्थल से 1 बारह बोर की बंदूक एवं 1 चला हुआ कारतूस जब्त किया था। इस मामले में अभियुक्तगण कांतिलाल एवं अक्षय जमानत पर हैं। प्रकरण में जब्तशुदा एक बाहर बोर की बंदूक पूर्व से सुपुर्दगी पर है।

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