संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस को ऐनवक्त पर छोड़कर बीजेपी में आए अक्षय कांति बम ( Akshay Kanti Bomb ) के बाद बीजेपी की हो रही किरकिरी और नोटा ( NOTA ) के शोर ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। खासकर इस मामले में पूर्व स्पीकर व इंदौर की आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन की एक छोटी टिप्पणी ने बीजेपी के अंदर ही नई बहस शुरू कर दी है। इससे पार्टी को हो रहे डैमेज को देखते हुए आलाकमान ने आननफानन में देर रात बीजेपी दफ्तर पर बैठक बुलाई।
बैठक में ताई और भाई दोनों पहुंचे
बैठक में ताई यानी महाजन के साथ भाई यानि कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री तुलसी सिलावट, बीजेपी के वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी मोघे, बाबूसिंह रघुवंशी, सभी विधायक व अन्य पार्टी नेता पहुंचे थे। बैठक में ताई और भाई दोनों एक साथ बैठे और चर्चा करते नजर आए। वहीं बैठक के बाद भी ताई, भाई, जयपाल सिंह चावड़ा, नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे साथ में अनपौचारिक बैठकर चर्चा करते नजर आए। जिसमें सभी ताई की बात सुन रही है।
औपचारिक तौर पर अधिक मतदान के लिए मीटिंग
इस बैठक के बाद कोई भी ताई और भाई की राजनीति और बमकांड को लेकर कुछ नहीं बोला। हालांकि देवड़ा और नगराध्यक्ष रणदिवे दोनों ने औपचारिक तौर पर यही कहा कि यह बैठक शहर में नंबर वन मतदान के लिए थी। अधिक से अधिक लोग वोटिंग करे इसके लिए सभी को बुलाकर सुझाव लिए गए और पार्टी इसी पर आगे बढ़ेगी।
बैठक के बाद ताई क्या बोली
बैठक के बाद ताई ने कहा कि- बैठक अच्छी रही, और अधिक मतदान को लेकर वोटिंग हुई। अब हमे वोटिंग में भी इंदौर को नंबर वन बनाना है। अक्षय बम को लेकर उन्होंने किसी तरह की बात नहीं की।
असल में पर्दे के पीछे बमकांड
दरअसल बमकांड से बीजेपी को इस तरह की तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। खासकर जिस तरह से ताई का बयान आया कि बीजेपी को इसकी जरूरत नहीं थी और हम जीत ही रहे थे, लोग फोन करके बोल रहे हैं वह अब बीजेपी की जगह नोटा को वोट देंगे, ने पार्टी में हलचल मचा दी है। इसी बयान के बाद रात को पार्टी में मीटिंग बुलाई गई। खास मुद्दा यही था कि नोटा में अधिक वोट गिरने से और लोकतंत्र की हत्या जैसे संदेश जाने से इंदौर के सात अन्य सीटों पर बीजेपी को गलत प्रभाव पड़ेगा। इसलिए जो हो गया सो हो गया, इस मुद्दे पर किसी तरह की बात, बयान नहीं दिए जाएं, नहीं तो पार्टी को नुकसान होगा। लोगों को अधिक से अधिक पीएम मोदी को मजबूत करने और विकास के लिए वोट करने की बात कहते हुए प्रेरित किया जाए।
बम ने कर दी छवि धूमिल, इसलिए सफाई भी दी
बम के कारण छह दिन से पार्टी की जमकर आम लोगों के बीच में किरकिरी हो रही है। इसी के चलते पार्टी ने पहले कोशिश करते हुए रविवार सुबह 11 बजे पार्टी दफ्तर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, जिसमें बम को आगे किया गया और वह आधे घंटे तक सवालों पर मासूम सफाई देते रहे कि कांग्रेस ने सहयोग नहीं किया और इसलिए बिना किसी दबाव अपनी मनमर्जी के नामांकन वापस से बीजेपी में आया। धारा 307, कॉलेज विवाद का कोई दबाव नहीं था। लेकिन यह पूरी सफाई किसी के भी गले नहीं उतरी। इसके बाद दिन भर के फीडबैक के बाद शाम को अचानक सभी को संदेश दिए गए कि रात को औचक बैठक होगी। इसके बाद रविवार रात को सभी दफ्तर पहुंचे।
बैठक का मुद्दा ताई और भाई भी
दरअसल बैठक का मुद्दा अनौपचारिक चर्चा के जरिए ताई और भाई को साथ में लाना भी रहा। ताकि दोनों ही अब इस मुद्दे पर किसी तरह के बयान से बचें। रविवार को कैलाश विजयवर्गीय ने ताई के बयान पर टिपप्णी करने से इंकार कर दिया और यही कहा वह हमारी आदरणीय है।
हर बूथ पर हो सीनियर लीडर
वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मप्र के प्रभारी शिवप्रकाश और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कम वोटिंग चिंता की बात है, इसके लिए सभी अभी से कार्ययोजना बनाक इसे लागू करें। इसके बाद सभी नेता बैठे और इसमें सुझाव लिए गए। इस दौरान वरिष्ठ नेता मोघे ने कहा कि हर बूथ पर एक सीनियर लीडर होना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि हमे जनता और कार्यकर्ताओं का भावनाओं को समझना होगा और उन्हें साथ लेना होगा। वहीं यह भी बात उठी की चुनाव को लेकर प्रत्याशी को खर्च तो करना होगा, अभी तक चुनाव को लेकर निचले स्तर तक खर्चा नहीं किया जा रहा है।