चांदीपुरा वायरस को लेकर MP में अलर्ट, एडवाइजरी जारी, खरगोन मिला संदिग्ध मरीज, जानें इसके लक्षण और बचाव

चांदीपुरा वायरस को लेकर मध्‍य प्रदेश अलर्ट मोड पर है। राजस्थान से लगे ग्वालियर और चंबल अंचल में विशेष अलर्ट जारी किया गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष एडवाइजरी जारी की है।

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Vikram Jain
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BHOPAL. मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में तेजी से फैल रहे चांदीपुरा वायरस को लेकर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। गुजरात और राजस्थान में बढ़ते वाइरस के मरीजों के ग्वालियर चंबल अंचल में विशेष अलर्ट जारी हुआ है। चांदीपुरा वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। खरगोन में मिले संदिग्ध मरीज को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती किया है। साथ ही मरीज के ब्लड सैंपल जांच के लिए पुणे की लैब भेजे गए है।

एडवाइजरी जारी, लोगों से की ये अपील

राजस्थान के धौलपुर की सीमा ग्वालियर और मुरैना से लगी हुई है। ऐसे में विशेष सावधानी बरती जा रही हैं। यहां से बड़ी संख्या में लोग इलाज कराने समेत अन्य कामों से एमपी पहुंचते हैं। इसी को लेकर क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही लोगों से जागरूक रहने और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की है। साथ ही सभी अस्पतालों को सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।

पुणे लैब भेजे गए संदिग्ध मरीज के सैंपल

इधर, खरगोन के एक युवक में चांदीपुरा वायरस जैसे लक्षण पाए गए हैं। उसे इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया है। जहां हालत गंभीर बनी हुई है। इस युवक के ब्लड के सैंपल पुणे लैब भेजे गए है। खरगोन और इंदौर स्वास्थ्य विभाग ने अनुसार मरीज चांदीपुरा वायरस का संदिग्ध है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इंदौर स्वास्थ्य विभाग की सूचना के बाद खरगोन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक के गांव पीपलगोन में सघन सर्वे भी किया। इस दौरान टीम को कोई संदिग्ध मरीज नहीं मिला।

महाराष्ट्र के चांदीपुरा में मिला था पहला केस

बता दें कि चांदीपुरा वायरस देश के अलग-अलग राज्यों में तेजी से पांव पसार रहा है। इस वायरस के केस गुजरात और राजस्थान में तेजी से बढ़ रहे हैं। यह खतरनाक वायरस का पहला केस 1965 में महाराष्ट्र के गांव चांदीपुरा में मिला था। इसीलिए संक्रमण बीमारी इसका नाम चांदीपुरा पड़ गया। इस संक्रमण का संबंध बैकुलोवायरस से है। यह वायरस मच्छर, टिक और सैंड फ्लाई के काटने से फैलता है।

क्या हैं चांदीपुरा वायरस के लक्षण

चांदीपुरा वायरस से एन्सेफलाइटिस होने का खतरा होता है। इसके संक्रमण से दिमाग के टिश्यूज में सूजन या जलन होती है। तेज बुखार इसके शुरुआती लक्षण होते है। इस वायरस के लिए कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। इस घातक बीमारी है और तेजी से फैलती है। इसलिए जरूरी है कि जल्दी से इसकी जांच हो। और समय पर इलाज और ठीक से देखभाल हो।

वायरस से कैसे करें बचाव

  • चांदीपुरा वायरस के इन्फेक्शन से बचाव करने के लिए घर में और घर के आस-पास सफाई का ध्यान रखें।
  • इस वायरस से बचाव करने के लिए सफाई रखना बेहद जरूरी है। घर में गंदगी रहेगी तो मच्छर और मक्खियों का खतरा ज्यादा रहेगा।
  • सैंडफ्लाई (मक्खी) और मच्छरों के काटने से खुद का और बच्चों का बचाव करें। साथ ही फुल कपड़े पहनें। बच्चों को फुल कपड़े पहनाए। घर में मच्छरों से बचाव करने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • घर में और किचन में स्वच्छता रखें, साथ ही भोजन और खाने पीने का सामान खुला नहीं रखें बल्कि ढक कर रखें।

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