अलीराजपुर के तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी (डीईओ) विनय रंगशाही के खिलाफ एफआईआर कराने वाली फरार फरहत नाजनीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे रायपुर छत्तीसगढ़ से 3 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद अब रंगशाही के खिलाफ केस दर्ज कराने और उलझाने वालों के छिपे किरदारों का खुलासा होने की बात कही जा रही है। उधर इस मामले में पूरी आशंका अलीराजपुर से गुजरात की ओर जाने वाली अवैध शराब लाइन चलाने वाले शराब माफिया की ओर जा रही है। साथ ही विभाग के भी अधिकारी की मिलीभगत की बात कही जा रही है।
कौन है नाजनीन, क्या हुआ था केस
रंगशाही अलीराजपुर में जब डीईओ थे, तब 2021 में रंगशाही के साथ निकाह होने का प्रमाण पत्र पेश किया और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। इसके बाद रंगशाही को अलीराजपुर से हटा दिया गया और उनकी जगह शराब सिंडिकेट के एके सिंह के रिश्तेदार धर्मेंद्र भदौरिया को पदस्थ किया गया। नाजनीन की एफआईआर की जांच होने पर पुलिस ने यह मामला फर्जी पाया और प्रमाणपत्र भी फर्जी मिला। इसके बाद इंदौर पुलिस ने झूठे केस व प्रमाणपत्र के लिए नाजनीन के साथ ही भाई इमरान के खिलाफ 420, 467, 468 व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके बाद से ही नाजनीन फरार थी। वहीं इमारन अक्टूबर 2023 में पकड़ाया जा चुका है और वह अभी जेल में है। वहीं नाजनीन तीन साल तक फरार रही और पुलिस ने उस पर 5000 रुपए का इनाम घोषित किया था।
क्यों माफियाओं और आबकारी विभाग पर शक
उस समय अलीराजपुर के शराब ठेकों में रमेश राय, एके सिंह, पिंटू भाटिया इन सभी की अहम भूमिका थी। उल्लेखनीय है कि अलीराजपुर, धार और झाबुआ तीन जिले गुजरात की ओर जाने वाली अवैध शराब लाइन के तीन सबसे अहम जिले हैं, जिस पर कब्जे और ठेकों के लिए लगातार शराब माफियाओं में आपसी विवाद चलते रहते हैं। साल 2020 में रंगशाही डीईओ थे, तब शराब माफिया के साथ तनातनी हुई, इसके बाद उन्हें हटवाया गया और भदौरिया पदस्थ हुए, लेकिन चार माह बाद ही जब शराब ठेका अलीराजपुर का जो 138 करोड़ का था और फिर सौ करोड़ से नीचे आ गया तो सरकार ने रिवेन्यू करने के चलते भदौरिया को वहां से हटाकर फिर रंगशाही को जिम्मेदारी दे दी। इसके बाद फिर गुजरात लाइन में विवाद हुए और इसके बाद साल 2021 में नाजनीन सामने आई और पुलिस में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर बताया कि रंगशाही से शादी हो चुकी है और केस दर्ज कराया। इसके बाद रंगशाही की फिर अलीराजपुर से विदाई हो गई और भदौरिया वहां पर पदस्थ हुए।बता दें कि रंगशाही केस खारिज होने के बाद 2022 में बहाल हो गए और अभी वह विदिशा में जिला आबकारी अधिकारी है।
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