मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में जनजातीय विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके ( Amar Singh Uike ) को डिंडौरी पुलिस ने भोपाल के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। छात्रवृत्ति की करोड़ों रुपए की राशि के गबन के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। FIR दर्ज होने के बाद वह 5 महीनों से फरार चल रहा था।
ढाई करोड़ रुपए का घोटालेबाज
दरअसल साल 2019 -21 के दौरान डिंडौरी में सहायक आयुक्त रहते अमर सिंह उइके ने 2 करोड़ 59 लाख से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया था। कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देश पर जिला स्तर की टीम ने मामले की जांच कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया था जिसके बाद लोकायुक्त ने मामले में संज्ञान लिया और तब कहीं जाकर सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के खिलाफ 21 फरवरी 2024 को सिटी कोतवाली डिंडौरी में FIR दर्ज़ कराई गई थी।
भोपाल होटल से हुई गिरफ्तारी
सिटी कोतवाली पुलिस ने जैसे ही सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के खिलाफ मामला दर्ज़ किया उधर सिवनी जिले में पदस्थ जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके दफ्तर छोड़कर फरार हो गये थे।
डिंडौरी पुलिस करीब पांच महीने से फरार आरोपी की धरपकड़ के लिए सिवनी एवं शहडोल जिले में स्थित उनके गृहग्राम में दबिश दे रही थी लेकिन आरोपी अधिकारी पुलिस को लगातार चकमा दे रहे थे। साथ ही पुलिस आरोपी की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में भी जुटी हुई थी, लेकिन शुक्रवार की सुबह सिटी कोतवाली डिंडौरी पुलिस ने भोपाल स्थित एक होटल से फरार चल रहे आरोपी को आख़िरकार गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपी अधिकारी को अपने साथ लेकर डिंडौरी पहुंच गई है।
छात्रवृत्ति योजना की राशि में घोटाला का है आरोप
जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके पर डिंडौरी जिले में पदस्थ रहने के दौरान छात्रवृत्ति योजना में पांच करोड़ 2 करोड़ 59 रुपये से भी अधिक राशि का घोटाला करने का आरोप है. पुलिस ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत सरकारी राशि में गबन करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज़ किया था और जब डिंडौरी पुलिस ने FIR दर्ज़ किया था। उस वक्त आरोपी अधिकारी अमर सिंह उइके सिवनी जिले में पदस्थ थे।
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