News in Nutshell
- अमरवाड़ा उपचुनाव: इस विधानसभा के परिणाम बीजेपी और कांग्रेस के लिए भविष्य की राजनीति में महत्वपूर्ण हैं।
- चुनावी घमासान: बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने इस परंपरागत सीट के लिए ताकत लगाई है।
- प्रत्याशियों का परिचय: कांग्रेस ने धीरन शाह इनवाती को, बीजेपी ने कमलेश शाह को उपचुनाव के लिए उतारा है।
- वोटिंग और मतगणना: वोटिंग 10 जुलाई को होगी और मतगणना 13 जुलाई को की जाएगी।
- आदिवासी वोट बैंक: तीसरे उम्मीदवार धीरन शाह इनवाती का आदिवासी वोट बैंक में महत्वपूर्ण स्थान है।
अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव परिणाम बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए भविष्य की राजनीति के लिहाज से अहम माने जा रहे हैं। उपचुनाव के लिए चुनावी घमासान तेज हो गया है। दोनों ही पार्टियों ने इस सीट के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है।
इस सीट पर कल यानी 10 जुलाई को चुनाव होने वाला है। अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनावी शोर थम गया है। आज (9 जुलाई) को यहां मतदान केंद्रों के लिए मतदान दल रवाना होंगे और बुधवार (10 जुलाई ) को वोटिंग कराई जाएगी।
इन्हें मिला है टिकट
अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने धीरन शाह इनवाती को टिकट देते हुए भरोसा जताया है। जबकि बीजेपी ने कांग्रेस से आए कमलेश शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानी गोंगपा ने अमरवाड़ा सीट पर देव रावेन भलावी ( Dev Raven ) को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें लोग DEVIRAM BHALAVI के नाम से भी जानते हैं।
कल होगी वोटिंग
इस सीट के लिए 10 जुलाई 2024 को वोटिंग होगी और 13 जुलाई को मतगणना होगी। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की थी।
10 जुलाई को रहेगा अवकाश
अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान दिवस (10 जुलाई बुधवार) को सार्वजनिक तथा सामान्य अवकाश है। एमपी सरकार ने अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दिन निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 25 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक अवकाश तथा सामान्य अवकाश घोषित किया है।
कुल इतने प्रत्याशी मैदान में
अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में कुल 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें निर्दलीय अतुल राजा उइके, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी से रीता कमलेश मरकाम, जनसेवा गोंडवाना पार्टी से राजकुमार सरेयाम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टीस से देवीराम भलावी, अहिंसा समाज पार्टी से चंद्रदीप तेकाम, धीरन शाह इनवाती कांग्रेस, कमलेश शाह भाजपा से प्रत्याशी हैं। निर्दलीय पनवशाह सरेयाम, शोभाराम भलावी मैदान में है।
knowledge byte- 72 बरस में 14 चुनाव, 11 बार कांग्रेस जीती
आंकड़ें देखें तो 1951 से लेकर अब तक बीजेपी सिर्फ दो बार अमरवाड़ा सीट पर जीत दर्ज कर सकी है। 1990 में बीजेपी के मेहमान शाह उईके जीते थे। 2008 में बीजेपी के प्रेम नारायण ठाकुर जीतने में सफल हुए थे। इससे पहले वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ के एसजे ठाकुर ने चुनाव जीता था। 1951 से 2023 तक यहा 14 बार चुनाव हो चुका है, जिसमें 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
कौन हैं कांग्रेस के धीरन शाह इनवाती ?
धीरन शाह इनवाती राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते हैं, लेकिन आचल कुंड दादा दरबार से जुड़े होने के कारण उनकी आदिवासी वोट बैंक में गहरी पैठ है। बटकाखापा सोसाइटी में वह सेल्समैन थे। उनका नाम AICC ने घोषित कर दिया है।
कौन हैं गोंगपा के देव रावेन भलावी ?
गोंगपा ने अमरवाड़ा सीट पर देव रावेन भलावी ( Dev Raven ) को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें लोग DEVIRAM BHALAVI के नाम से भी जानते हैं। यहां देव रावेन को समझना बेहद दिलचस्प है, क्योंकि छिंदवाड़ा में नकुलनाथ की हार में उनका भी अहम रोल माना जाता है।
देव रावेन ने गोंगपा से ही लोकसभा चुनाव में किस्मत अजमाई थी। उन्हें मिले वोटों ने कांग्रेस या कहें नकुलनाथ का सियासी खेल बिगाड़ दिया और बीजेपी मध्यप्रदेश में अपना मिशन 29 को फतह करने में कामयाब रही।
एक लाख 13 हजार वोटों से हारे नकुल
दरअसल, लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर यूं तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला था। 4 जून को सामने आए नतीजों में यहां बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने बाजी मारी। बंटी को 6 लाख 44 हजार 738 वोट मिले थे।
वहीं, नकुलनाथ को 5 लाख 31 हजार 120 वोट मिले। यानी नकुल की 1 लाख 13 हजार 618 वोटों से हार हुई। अब आप सोच रहे होंगे कि इस कहानी में देव रावेन भलावी कहां हैं। तो आगे पढ़िए...
पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी
लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से गोंगपा प्रत्याशी देव रावेन भलावी को 55 हजार 988 वोट मिले थे। यानी नकुल की हार में देव रावेन ने आधा काम किया था। बाकी काम यहां बसपा को मिले 11 हजार 823 वोट, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी को मिले 9 हजार 638 वोट और बाकी चार निर्दलीयों को मिले 26 हजार 590 वोटों ने कर दिया था।
पहले गोंगपा की रह गई थीं कमियां
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में 55 हजार से ज्यादा वोट पाकर देव रावेन ने अपनी दावेदारी तो उसी वक्त पक्की कर दी थी। अब गोंगपा ने उनके नाम पर मुहर लगाकर सहमति दी है। अब फाइट में कमलनाथ और नकुलनाथ तो हैं नहीं, क्योंकि इन्हें हमेशा से आदिवासियों का सपोर्ट मिलता रहा है।
अमरवाड़ा की जंग में अब देव रावेन आदिवासी वर्ग के रॉबिनहुड हैं। पिछले आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। ये तब है, जब देव रावेन ने 'द सूत्र' से बातचीत में यह स्वीकार किया था कि लोकसभा चुनाव में ना तो उनकी कार्यकारिणी बनी थी और ना ही वे अच्छे ढंग से बूथ मैनेजमेंट कर पाए थे।
कमलेश शाह के बारे में जानिए
भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह 15 करोड़ से ज्यादा चल- अचल संपत्ति के मालिक हैं। हर्रई पूर्व राजघराने के कमलेश दसवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं। कमलेश शाह की पत्नी माधवी शाह के पास पति की तुलना में बैंक बैलेंस ज्यादा है। उनके पास जहां तीन बैंकों में लगभग 25 लाख रुपए जमा हैं। वहीं, कमलेश शाह के पास चार बैंक खातों में लगभग 10 लाख रुपए जमा हैं। कमलेश शाह के पास लगभग 178 एकड़ 22 डेसीमल जमीन है।
आखिर अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव क्यों हो रहे हैं
अमरवाड़ा विधानसभा सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए कमलेश शाह ने लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस को छोड़ने के साथ कमलेश शाह ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी ने कमलेश शाह को उपचुनाव में अमरवाड़ा से प्रत्याशी के तौर पर उतारा है।
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