भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of india) के द्वारा इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों को 1000 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट भेजी गई है जिसके अनुसार इन कंपनियों ने एंटी ट्रस्ट नियम को तोड़ा है। अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की रिपोर्ट आने के बाद यह खुलासा हुआ है कि यह कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
प्रतिस्पर्धा कानून का हो रहा उल्लंघन
सीसीआई की रिपोर्ट में साफ किया गया है कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न ने खुलेआम भारतीय प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन किया है। इस रिपोर्ट में फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड, फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, और अमेज़न सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ-साथ कई बड़े मोबाइल निर्माताओं जैसे शाओमी, सैमसंग, रियलमी, मोटोरोला, वीवो और वनप्लस को भी दोषी ठहराया गया है। सांसद खंडेलवाल ने कहा कि इन कंपनियों द्वारा अपनाई गई नीतियों ने देश के खुदरा व्यापारियों को भारी नुकसान पहुंचाया है और बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा की स्थिति पैदा कर दी है।
सख्त नीतियों को लागू करने की मांग
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों पर नियमों लागू करने और एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति की शुरुआत की मांग की है। उन्होंने सीसीआई की रिपोर्ट में जिन ब्रांडों और कंपनियों के नाम है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने पर जोर देते हुए यह भी मांग की कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट की आगामी त्योहारी बिक्री (seasonal sale) को निलंबित किया जाए, ताकि भारतीय खुदरा व्यापारियों को और अधिक नुकसान न हो।
विदेशी कंपनियां कर रही खुदरा व्यापार को नष्ट करने की साजिश
कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने आरोप लगाया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट अपने पसंदीदा विक्रेताओं के साथ विशेष गठजोड़ करके घरेलू व्यापारियों के व्यापार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन प्लेटफार्म पर चुनिंदा विक्रेताओं को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे लाखों अन्य विक्रेताओं को नुकसान हो रहा है।
एफडीआई नीति का उल्लंघन कर रहीं ई-कॉमर्स कंपनियां
खंडेलवाल ने फ्लिपकार्ट और अमेज़न के द्वारा मार्केट में मोनोपोली बनाने के लिए प्रोडक्ट्स की उपलब्धता को लिमिटेड कर दिया है। जिसके बाद व्यापारियों को नुकसान करने के साथ ही इन कंपनियों ने भारतीय एफडीआई नीति का उल्लंघन किया है। उन्होंने वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी और बाजार में उनके बनाये गए एकछत्र दबदबे को भी गलत बताया है। सीसीआई रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि फ्लिपकार्ट और अमेज़न द्वारा भारी छूट के माध्यम से बाजार पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, जिससे छोटे व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
देशभर में व्यापारियों को मिल सकती है बड़ी राहत
भारतीय खुदरा व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए की गई इस मांग पर सीसीआई से तत्काल और सख्त कदम उठाने की मांग की गई है। व्यापारिक संगठनों ने आरोप लगाए हैं कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की नीतियां न केवल घरेलू व्यापार को कमजोर कर रही हैं, बल्कि बाजार में असंतुलन भी पैदा कर रही हैं। इस मुद्दे पर सरकार का कदम घरेलू व्यापारियों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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