संजय गुप्ता, INDORE. मप्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ( Former president Arun Yadav ) रविवार को सतना में कांग्रेस की जनसभा में थे, जिसे राहुल गांधी की गैरमौजूदगी के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खड़गे संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के पहले अरुण यादव और मल्लिकार्जुन खड़गे ( Mallikarjun Kharge ) की एक फोटो है, जिसे खुद यादव ने X पर अपलोड किया है और इसमें दो लाइन भी लिखी है।
क्या है फोटो, संदेश और हैशटेग
इस फोटो में अरुण यादव आगे चल रहे हैं और पीछे 81 वर्षीय खड़गे व अन्य नेता है, लेकिन खड़गे ने यादव के कंधे पर हाथ रखा हुआ है और एक तरह से वह यादव का चलने में सहारा ले रहे हैं। इसी फोटो पर यादव ने लिखा है कि इन कंधों ने जीवन में सदैव बड़ी से बड़ी जिम्मेदारियों को पूरी शिद्द्त से निभाया है। आप भरोसा बनाएं रखें, यह सिलसिला आगे भी यूं ही चलता रहेगा। साथ ही हैशटैग किया गया है कि कांग्रेस का भरोसा।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी राज्यसभा सांसद विवेक तंखा कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल अन्य नेता भी हेलीपैड पर मौजूद थे लेकिन हाथ अरुण यादव के कंधे पर ही था।
क्यों लिखा है अरुण यादव ने यह
दरअसल कांग्रेस लगातार नए से लेकर पुराने नेताओं के बीजेपी में जाने से भारी परेशानी में हैं। पूर्व विधायक, सांसद से लेकर पार्षद और पदाधिकारी तक बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। चाहे वह सुरेश पचौरी हो, संजय शुक्ला, विशाल पटेल या फिर अन्य धाकड़ नेता। वह कांग्रेस के साथ है, यह संदेश देने के लिए अरुण यादव ने इस फोटो का बखूबी इस्तेमाल कर संदेश देने की कोशिश की है वह हमेशा कांग्रेस के साथ है। लोकसभा चुनाव में वह लगातार सक्रिय है और हर जगह प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं।
कांग्रेस में लेकिन उनके साथ हुई अंदरूनी राजनीति कष्ट भी दे रही
निमाड़ के एक समय धाकड़ किसान नेता और मप्र में डिप्टी सीएम रहे सुभाष यादव के पुत्र यादव ने जिम्मेदारियों की भी बात कही है, वह कमलनाथ के पहले कांग्रेस के प्रदेशाधय्क्ष थे। इस दौरान कांग्रेस को मजबूत किया, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के ऐनवक्त पहले कमलनाथ आते हैं और चुनाव जीतने के बाद पूरा श्रेय ले जाते हैं, सीएम भी बन गए और यादव दरकिनार हो गए। इस लोकसभा चुनाव में यादव ने आगे बढ़कर गुना के लिए लोकसभा टिकट मांगा और कहा कि वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने लड़ेंगे, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने टिकट कटवा दिया और खंडवा के लिए दबाव डाला। लेकिन यादव ने राहुल गांधी को साफ कर दिया वह खंडवा से नहीं लडेंगे, आखिर में यहां से उनके समर्थक नरेंद्र पटेल को टिकट दिया गया। यादव के साथ कांग्रेस में हर बार यही सिस्टम चला यूज एंड थ्रो। इसे लेकर वह हमेशा पीड़ित रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी वह पार्टी के साथ हमेशा जुड़े रहे। कसरावद सीट से उनके भाई सचिन यादव लगातार विधायक है।