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संसद में संविधान दिवस पर हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से सियासी घमासान मच गया है। अमित शाह ने कहा था, अभी एक फैशन हो गया है – अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस बयान पर कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों ने नाराजगी जताई और अमित शाह से माफी की मांग की है। संसद के साथ अब मध्य प्रदेश विधानसभा में भी इस टिप्पणी पर जमकर हंगामा हुआ।
मध्य प्रदेश विधानसभा में भी हंगामा
अमित शाह के बयान का असर मध्य प्रदेश विधानसभा में भी देखने को मिला। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने बाबा साहेब को लेकर दिए इस बयान का मुद्दा उठाया, जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष के हंगामे को देख सदन के नेता सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे मनमानी बताई। उन्होंने कहा हम सदन चलाना चाहते हैं लेकिन विपक्ष की ऐसी मनमानी नहीं चलेगी। इसके साथ ही वे भी अपने मंत्री और विधायकों के साथ लॉबी में पहुंच गए। इस स्थिति को देख विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए प्रतिपक्ष की टिप्प्णी को कार्रवाई से अलग कर कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल मप्र विधानसभा में अनुपूरक बजट से पहले प्रश्नकाल के समापन पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर चर्चा करना शुरू किया। इस पर सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायकों ने रोका-टोकी की। इससे विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के नेता सिंघार द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री की टिप्पणी पर चर्चा करने को नियम विरुद्ध बताकर आसंदी से व्यवस्था की मांग की। इस बीच विपक्षी विधायक हंगामा और नारेबाजी करते हुए लॉबी में आ गए।
चर्चा पर मंत्रियों ने जताई आपत्ति
विपक्ष के शोर के बीच कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने चर्चा आगे बढ़ाई तो मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री तुलसी सिलावट ने आपत्ति दर्ज कराई। संसदीय कार्यमंत्री ने मध्यस्थता कर विधानसभा अध्यक्ष से व्यवस्था देने का आग्रह करते हुए इस चर्चा को कार्रवाई से अलग करने की मांग की। उन्होंने कहा यह संसदीय परंपरा के प्रतिकूल है। किसी दूसरे सदन की चर्चा और सदन में आकर जवाब देने के लिए उपस्थित न हो पाने वाले व्यक्ति का नाम लेकर टिप्पणी करना गलत है। इस बीच विपक्ष ने लॉबी में नारेबाजी की।
संसद में कांग्रेस का हंगामा
कांग्रेस ने संसद में अमित शाह के 'अंबेडकर' वाले बयान पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे अंबेडकर और दलित समाज का अपमान बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बाबासाहेब हमारे लिए भगवान के समान हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस हमेशा से मनुस्मृति के पक्ष में रहे हैं और बाबा साहेब का विरोध करते आए हैं।
मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2024
तेजस्वी यादव और आरजेडी का तीखा हमला
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अमित शाह की टिप्पणी की निंदा की और कहा, बाबा साहेब अंबेडकर के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं, स्वर चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सोच आरएसएस की पाठशाला में पनपती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि 100 करोड़ वंचित, दलित, आदिवासी, पिछड़े और गरीबों के लिए बाबा साहेब भगवान से कम नहीं हैं।
विपक्ष की माफी की मांग
अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद अब तक गृहमंत्री की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, विपक्षी दल उनकी माफी की मांग पर अड़े हुए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एक सुर में अमित शाह के बयान को अपमानजनक बताया और तुरंत माफी मांगने की मांग की है।
शाह के समर्थन में उतरे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह का बचाव करते हुए विपक्ष के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। विपक्ष ने गृह मंत्री पर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी। पीएम मोदी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ इकोसिस्टम यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ, डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके वर्षों के अपमान और कुकर्मों को छिपा सकते हैं। लेकिन वे गलतफहमी में हैं। देश ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंशवादी पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों का अपमान करने के लिए हरसंभव गंदी चालें चलीं।"
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर के प्रति अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस ने न केवल एक बार, बल्कि दो बार उन्हें चुनाव में हराया। पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार किया गया और संसद के सेंट्रल हॉल में उनके योगदान को मान्यता नहीं दी गई।"
उन्होंने कांग्रेस पर एससी/एसटी समुदायों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वह इस सच्चाई को छिपा नहीं सकती कि उनके शासन में एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयावह नरसंहार हुए। सत्ता में लंबे समय तक रहने के बावजूद उन्होंने इन समुदायों को सशक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।"
If the Congress and its rotten ecosystem think their malicious lies can hide their misdeeds of several years, especially their insult towards Dr. Ambedkar, they are gravely mistaken!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2024
The people of India have seen time and again how one Party, led by one dynasty, has indulged in…
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