भोपाल। पहले रिजल्ट में देरी और फिर ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थियों को बाहर करने का गोलमाल और अब वेटिंग लिस्ट पर नियुक्ति में रोड़ा। ये कहानी है मध्य प्रदेश में सहकारी समिति प्रबंधक नियुक्ति की। अपेक्स बैंक साल भर बाद भी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है। वहीं बैंक प्रबंधन के रवैए के कारण अभ्यर्थी बार-बार भोपाल के चक्कर काटने और प्रदर्शन करने मजबूर हैं। वेटिंग लिस्ट पर नियुक्ति में देरी क्यों हो रही है इसका जवाब देने में भी अधिकारी कतरा रहे हैं। इससे पहले से ही विवादों में घिरी रही समिति प्रबंधक परीक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया भी संदेह में है।
पहले समझ लीजिए आखिर माजरा क्या है।
दरअसल, अपेक्स बैंक यानी मध्यप्रदेश सहकारी बैंक ने नवंबर 2022 में समिति प्रबंधक पदों पर नियुक्ति निकाली थी। इसके लिए 1358 पदों पर भर्ती की जानी थी जिसमें 169 पद बैकलॉग के भी थे। मार्च 2023 में इसकी परीक्षा ली फाइल तब परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी IBPS ने 10 दिन में परिणाम जारी करने का दावा किया था। लेकिन रिजल्ट दिसंबर 2023 यानी 9 महीने बाद आया।
इसे पोर्टल पर जारी किया गया, लेकिन दूसरे दिन ही हटा दिया गया। फिर 13 दिन बाद 21 दिसंबर को जो लिस्ट जारी की गई उसमे सफल अभ्यर्थी बांट दिए गए। साथ की बैक लॉक की लिस्ट भी अलग जारी की गई। इस लिस्ट में IBPS का वाटरमार्क या अपेक्स बैंक प्रबंधन की कोई मुहर नहीं थी। दूसरी लिस्ट और सफल अभ्यर्थियों को बाहर करने पर हंगामा शुरू हो गया था, लेकिन अधिकारी इस पर भी टालमटोल करते रहे।
इस मामले में उम्मीदवार सहकािरता मंत्री विश्वास सांरग से भी मिलकर उन्हें सारा मामला बता चुके हैं, मगर अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है।
अब करते हैं आगे की बात
यह विवाद सहकारी बैंक की पहली और दूसरी लिस्ट में चयनित अभ्यर्थियों के नाम और नम्बर को लेकर था। दूसरी लिस्ट से ऐसे अभ्यर्थी बाहर किए गए थे, जिनके अंक ज्यादा थे। वहीं उन्हें शामिल किया गया जिन्हें परीक्षा में कम अंक मिले थे। 1358 पदों में शामिल बैकलॉक के पद भी अलग लिस्ट में रखे जाने से कुल पदों की संख्या गड़बड़ा गई थी।
हालांकि अपेक्स बैंक प्रबंधन की ओर से इस सवाल पर कोई स्पष्टीकरण नही दिया गया। जिस कारण अभ्यर्थी अपने साथ छलावे की शंका के चलते बार बार जवाब मांगने बैंक के मुख्यालय आकार प्रदर्शन करते रहे।
बैंक प्रबंधन की एक और चूक
इस बीच बैंक प्रबंधन ने एक और चूक कर डाली। कुल पदों पर भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट ही जारी नही की। बाद में मामला गरमाने और प्रदर्शनों को देखते हुए 525 नामों की वेटिंग तो जारी कर दी। हालांकि यह वेटिंग अब भी ज्यों की त्यों अटकी हुई है। जबकि समिति प्रबंधक की नौकरी का महीनों तक इंतजार करने वाले कई सफल अभ्यर्थी अब इसे छोड़कर दूसरी नौकरी ले चुके हैं। यह पद खाली पड़े हैं लेकिन बैंक प्रबंधन जाने किस इंतजार में इन पदों को वेटिंग लिस्ट से बाहर नहीं रहा है।
इस मामले में पिछले दिनों भी वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों ने बैंक मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। वे खाली पद भरने की मांग कर रहे थे। इस दौरान भर्ती प्रक्रिया संभालने वाले अधिकारी जीके अग्रवाल ने भी उन्हें निराश कर दिया। अग्रवाल का जवाब था भर्ती को भूल जाओ, नए सिरे से तैयारी करो।
उनके इस जवाब के बाद डेढ़ साल से समिति प्रबंधन की नौकरी मिलने का इंतजार कर रहे सैकड़ों युवा हताश हैं और अपेक्स बैंक के रवैए से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वहीं बैंक के एमडी आलोक सिंह भी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं।
ऐसे में सवाल बैंक की भर्ती प्रक्रिया और प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं की मेहनत का भी है जो दिनरात जुटे रहे और अफसरों की गलतियों का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
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