मध्यप्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को इस महीने बड़ा झटका लगने वाला है। अप्रैल 2025 के लिए जारी नए टैरिफ के अनुसार अब उन्हें हर यूनिट पर 18 पैसे तक अधिक भुगतान करना पड़ेगा। इस बदलाव का असर सीधे तौर पर उनके बिजली बिलों (electricity bill) पर पड़ेगा, जिससे बिल में 23 रुपए से लेकर 99 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। बिजली कंपनी ने इस टैरिफ को लेकर पूरी तैयारी कर ली है और सिटी सर्किल एवं ओएंडएम ने बिलिंग सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव कर दिए हैं ताकि उपभोक्ताओं को नए टैरिफ के अनुसार बिल जारी किया जा सके।
रीडिंग की तारीख तय करेगी टैरिफ का असर
बिजली मीटर रीडिंग की प्रक्रिया शहर और ग्रामीण इलाकों में हर माह 20 तारीख से लेकर अगले माह की 10 तारीख तक पूरी की जाती है। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं के यहां रीडिंग एक अप्रैल से दस अप्रैल के बीच हुई है, उन्हें अप्रैल के शुरुआती दस दिनों के लिए नया टैरिफ लागू होगा जबकि शेष अवधि के लिए पुराना टैरिफ ही मान्य रहेगा। इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को एक मिले जुले टैरिफ के अनुसार बिल (mp electricity bill) प्राप्त होगा, जिससे बढ़ोतरी का असर और स्पष्ट महसूस होगा।
जानिए यूनिट के अनुसार पूरा गणित
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की ओर से अनुमानित रूप में जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि किस उपभोक्ता को कितना झटका लगने वाला है। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि जितनी अधिक खपत होगी, उतना ही अधिक अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
बिलिंग सॉफ्टवेयर अपडेट, अब नए हिसाब से मिलेंगे बिल
जबलपुर सिटी सर्किल के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर संजय अरोरा ने जानकारी दी कि बिलिंग सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं की श्रेणी के अनुसार आवश्यक बदलाव पूरे कर लिए गए हैं। नए टैरिफ के आधार पर अप्रैल माह के बिल उपभोक्ताओं को जारी किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि उपभोक्ता की रीडिंग तिथि के आधार पर दोहरे टैरिफ की गणना कर उसे पारदर्शी ढंग से बिल में शामिल किया जाए।
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बिजली बिल में बढ़ोतरी बनी आम आदमी की नई चिंता
महंगाई के दबाव से पहले ही जूझ रही जनता को बिजली बिल में आई यह नई बढ़ोतरी अतिरिक्त बोझ की तरह महसूस हो रही है। सामान्य घरेलू खपत वाले उपभोक्ता भी अब हर माह 20 से 100 रुपए तक अतिरिक्त खर्च के लिए मजबूर होंगे। जहां एक ओर सरकार सब्सिडी और राहत योजनाओं की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को लगातार टैरिफ वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।
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