BHOPAL. एक बार फिर परिवहन विभाग के दागी अधिकारी मलाईदार पोस्टिंग पाने में कामयाब हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर अधिकारी विभागीय गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और कर्तव्य में लापरवाही सहित अवैध कमाई के आरोपों से घिरे रहे हैं। ये अधिकारी बीते कुछ महीनों से विभाग में वनवास काट रहे थे, लेकिन तबादला सीजन ने उन्हें फिर कमाई का मौका दे दिया है।
पोस्टिंग देने में सब भूल गए जिम्मेदार
मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग आए दिन गड़बड़झालों और वसूली के आरोपों से सुर्खियों में बना रहता है। कभी सड़क हादसों के बाद बिना तकनीकी परीक्षण वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने तो कभी चेक पोस्ट पर वसूली के किस्से सामने आते रहते हैं। लेकिन हर बार गड़बड़ियों में लिप्त अधिकारी सरकार की नाराजगी से बच निकलते हैं। हाल ही में तबादला सूची में ऐसे कई दागी आरटीओ को कमाई वाली पोस्टिंग मिली है जो अपनी कार्यशैली और आरोपों के चलते निलंबन, विभागीय जांच या कोर्ट केस जैसी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। परिवहन मुख्यालय ने भी इन अधिकारियों पर मेहरबानी दिखाई है।
निलंबित को मिला मंत्री का जिला
भोपाल में पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसी अनपा खान पर विभाग से छिपाकर विदेश यात्रा करने पर निलंबन की कार्रवाई भी हो चुकी है। इसके बावजूद वे शहडोल में आरटीओ बनने में कामयाब हो गई हैं। वहीं गुना में हुए बस हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद निलंबित किए गए आरटीओ रवि बरेलिया को नरसिंहपुर आरटीओ बनाया गया है। नरसिंहपुर, परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का गृह जिला है और गुना बस हादसा होने के बाद जनहानि पर उन्होंने भी आरटीओ की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद भी बरेलिया विभागीय मंत्री के गृह जिले में पोस्टिंग पा गए। इन दोनों ही अधिकारी दो-तीन महीनों से अच्छी पोस्टिंग पाने के लिए भागदौड़ कर रहे थे।
एक जिले में निलंबन तो दूसरे में प्रभार
राजधानी भोपाल में पदस्थ परिवहन अधिकारी जितेन्द्र शर्मा पूर्व में परिवहन मंत्री के गृह जिले नरसिंहपुर का दोहरा कार्यभार संभाल चुके हैं। बीते माह भोपाल के बाणगंगा क्षेत्र में सड़क हादसे में बस की चपेट में आई महिला डॉक्टर की मौत के मामले में शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। जिस बस से हादसा हुआ था वह अनफिट होने के बावजूद सड़क पर फर्राटा भर रही थी।
शर्मा विभाग के इतने कृपापात्र हैं कि भोपाल में निलंबन के बावजूद उनसे नरसिंहपुर जिले का कार्यभार वापस नहीं लिया गया। परिवहन अधिकारी दीपक मांझी के मामले में परिवहन मुख्यालय की मेहरबानी साफ तौर पर उजागर हुई है। मांझी की पोस्टिंग को लेकर विभाग द्वारा दो-दो आदेश जारी किए गए हैं। उन्हें रतलाम से अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के रूप में खंडवा में तैनात किया गया है। इसको लेकर एक साथ दो-दो आदेश जारी करने की भी खूब चर्चा हो रही है।
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