अब नगरीय निकायों के काम पर सेना-बीआरओ के रिटायर्ड अफसर रखेंगे पैनी नजर

मध्य प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों में होने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखने का फैसला किया है। ऐसे में अब निकाय के काम में गलती होने की कम उम्मीद की जा रही है।

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Dablu Kumar
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मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों के विकास कार्यों की गुणवत्ता पर अब सरकार की पैनी नजर होगी। सड़क, सीवेज, पीएम आवास जैसे प्रोजेक्ट्स की जांच के लिए थर्ड पार्टी एक्सपर्ट्स की तैनाती की गई है। इसके लिए एनएचएआई, सेना, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ), एयरफोर्स, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड अधिकारियों को शामिल किया गया है।

नगरीय निकायों में भ्रष्टाचार पर लगेगा ब्रेक

नगरीय प्रशासन विभाग ने 28 अनुभवी पूर्व इंजीनियरों और अधिकारियों की नियुक्ति की है। ये विशेषज्ञ क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल का हिस्सा होंगे और प्रत्येक को एक या दो जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ये अधिकारी प्रोजेक्ट साइट्स पर जाकर काम की गुणवत्ता, सामग्री की क्वालिटी, डेडलाइन और ठेकेदारों द्वारा नियमों के पालन की जांच करेंगे।

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क्या देखेंगे एक्सपर्ट्स? 

  • कार्य तय दिशा-निर्देशों के अनुसार हुआ या नहीं।  
  • निर्माण सामग्री की गुणवत्ता मानक के अनुरूप है या नहीं।  
  • प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो रहे हैं या नहीं।  
  • ठेकेदार नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।

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कौन होंगे एक्सपर्ट?

एक्सपर्ट्स में सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, भवन और पुल निर्माण जैसे क्षेत्रों में कम से कम 20 साल का अनुभव और क्वालिटी कंट्रोल व सुपरविजन में 5 साल का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ शामिल हैं। इनमें आईआईटी रुड़की, आईआईएम इंदौर, नागपुर, सिपेट, सीआरआरआई और हुडको के विशेषज्ञ भी होंगे।

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क्यों लिया गया फैसला?

हाल ही में नगरीय निकायों के निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने पर सब इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर प्रभारी सीएमओ तक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, घटिया काम करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया है। सरकार का यह कदम विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

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नगरीय विकास अधिकारी क्या है मत

नगरीय विकास एवं आवास आयुक्त संकेत एस. भोंडवे ने कहा कि बड़े स्तर पर काम कर चुके केंद्र-राज्य के रिटायर्ड तकनीकी अफसरों से थर्ड पार्टी क्वालिटी ऑडिट कराएंगे। काम डेडलाइन के अंदर हों, क्वालिटी अच्छी हो, इसके लिए अर्बन क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल बना रहे हैं।

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