धार के 250 करोड़ रुपए की जमीन घोटाले में बुरी तरह से मात खाने के बाद धार कलेक्टर आईएएस प्रियांक मिश्रा फिर मुश्किल में आए हैं। इंदौर हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ व तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ व अपर कलेक्टर श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कही है। दोनों को 23 अक्टूबर को पेश होने के आदेश दिए हैं। यदि पेश नहीं होते है तो गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाएगा।
यह है पूरा मामला
याचिकाकर्ता मिथुन चौहान के अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर ने बताया कि फरियादी मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा धार में ग्राम रोजगार योजना सहायक पद पर था। साल 2017 में स्वास्थ्य खराब होने से वह एक दिन के लिए काम पर नहीं गया। इसी को कदाचरण बताते हुए बिना जांच किए और सुनवाई का अवसर दिए बिना हटा दिया गया।
अवमानना याचिका लगाई थी
इसके खिलाफ मिथुन ने अपील की थी, लेकिन यह खारिज हो गई। इसके बाद 2019 में हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2023 को आदेश दिया कि उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाता है। साथ ही उसका 50 फीसदी पुराना वेतन भी वापस किया जाए। शासन ने इसके विरुद्ध अपील प्रस्तुत की, लेकिन 3 जुलाई 2024 को अपील भी निरस्त हो गई। अपील निरस्त होने के बाद भी अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। इसके बाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर हुई।
चार अक्टूबर को पेश होना था
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में अधिकारियों को चार अक्टूबर को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन इसका भी कलेक्टर मिश्रा व अपर कलेक्टर श्रीवास्तव ने पालन नहीं किया। इसमें केवल सीईओ जनपद नालदा देवेंद्र मालवीय ही पेश हुए। इस पर हाईकोर्ट ने साफ कहा कि दोनों ही पक्षकार नंबर एक व दो का कोई आवेदन नहीं आया और ना ही कोई शपथपत्र आया। ऐसे में हाईकोर्ट के पास कोई विकल्प नहीं कि दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने की बात कही है। यदि पेश नहीं होते है तो गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाएगा। सभी पक्षकार को अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को उपस्थित रहें।
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