संजय गुप्ता@ INDORE.
इंदौर और प्रदेश के जाने-माने शराब ग्रुप आशीर्वाद ( Ashirwad Group property ) के कर्ताधर्ता नामदेव परिवार में सैंकड़ों करोड़ की संपत्ति का विवाद शुरू हो गया है। इस विवाद के चलते इंदौर में काउंटीवॉक, मेजेस्टिक कोर्टयार्ड झलारिया, ओएसिस निपानिया, ट्रेजर सिटी सुल्लाखेड़ी बड़ी कॉलोनियां विवादों में आ गई है। नामदेव परिवार के ही एक परिजन ने इन कॉलोनियों में भूखंड़ों की खरीदी-बिक्री नहीं करने की सावधान करते हुए जाहिर सूचना जारी कर दी है। वहीं अब इस सूचना के पांच दिन बाद नामदेव परिवार की ओर से सूचना जारी की गई है। ( Ashirwad Group property dispute )
किसका है ग्रुप, कहां से उठा विवाद
आशीर्वाद ग्रुप महेंद्र सिंह नामदेव और उनके भाई मुकेश नामदेव का है। नामदेव का आशीर्वाद के साथ ही गंगा इंटरप्राइजेस, आशीर्वाद स्काई हाईट्स प्रालि व अन्य कंपनियों के नाम से शराब व प्रॉपर्टी का लंबा कारोबार रहा है। महेंद्र सिंह का निधन अप्रैल 2022 में हो चुका है। इसके बाद यह विवाद उठा है। महेंद्र सिंह की चार शादियां है, तीन पत्नी से तीन लड़के अमित सिंह, आदित्य और आर्यमन नामदेव है, तो वहीं चौथी पत्नी पल्लवी जिससे तलाक हो चुका है, उनसे एक लड़की है। लड़की अभी नाबालिग है, उसी की ओर से मां पल्लवी और उनकी नानी सुधा ने हक के लिए कोर्ट में केस भी लगाया है। आरोप है कि महेंद्र नामदेव की मौत के बाद उनके तीनों बेटे और मुकेश नामदेव सभी संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं और लड़की को कुछ नहीं दिया जा रहा है। साथ ही यह इन सभी कॉलोनियों के भूखंड की अफरा तफरी कर रहे हैं।
इन कॉलोनियों को लेकर विवाद
आरोप है कि 14 हेक्टेयर में विकसित ओएसिस कॉलोनी जो एरॉन डेवलपर्स के साथ बनाई गई है, झलारिया में 36 हेक्टेयर की काउंटीवॉक कोलनी वह भी एरॉन डेवलपर्स के साथ बनाई है, 20 हेक्टेयर में सुल्लाखेड़ी (मांगलिया) की ट्रेजर सिटी ट्रिपल ए रियल एस्टेट के साथ बनाई और झलारिया में 7 हेक्टेयर पर मेजेस्टिक कोर्डयार्ड मेजेस्टिक विलास के अनुराघ माहेश्वरी, संजय पाहवा के साथ हिमांशु घंटे के साथ बनाई है। इन सभी में भूखंड़ों की अफरा तफरी की जा रही है ताकि लड़की को हिस्सा नहीं दे सके। इसमें तीनों लड़के और मुकेश नामदेव की मिली भगत है। अधिवक्ता केपी माहेशवरी के नाम से इस संबंध में कि इन कॉलोनियों में प्लाट की खरीदी- बिक्री नहीं करें सावधान करने की जाहिर सूचना जारी की गई।
प्रतिवाद में बताया गया नामदेव पर करोड़ों का कर्जा
उधर, इस मामले में संबंधित पक्षकारों ने अधिवक्ता एपी पोलेकर के जरिए इस सूचना का प्रतिवाद जारी किया है। इन्होंने बताया है कि लालचवश यह केस लगाया गया है, महेंद्र नामदेव को अपने कारोबार में भारी घाटा उठाना पड़ा है, बैंक गारंटी है, संपत्ति गिरवी रखनी पड़ी, मौत के समय करोड़ों का कर्ज उनके ऊपर था। पल्लली, सुधा द्वारा केस लगाया है, जिसमें रजिस्टर्ड कंपनी, भागीदारी फर्म, ज्वाइंट वेंचर में भी हिस्सेदार मांगी जा रही है, जबकि अधिकार महेंद्र नामदेव की संपत्ति पर बनता है। बच्ची की मां हिस्सा नकद ले चुकी है। कॉलोनियों की बात तो ओएसिस में नामदेव हिस्सा ले चुके थे। ट्रेजर सिटी, काउंटीवाक, मेजेस्टिक में उनका कुछ हिस्सा है, इसका जब हिस्सा होगा वह बैंक के माध्यम से सभी वारिसों को मिलेगा। हमारे किसी पक्षकार ने किसी भूखंड की अफरातफरी नहीं की है। कोर्ट में केस चलने के बाद भी यह सूचना जारी कर व्यावसायिक साख को गिराने और अनावश्यक मुकदेमबाजी में उलझाने के नियोजित उद्देशय से किया है।
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