धार भोजशाला मामले में 98 तक दिन चले पुरातत्व विभाग (ASI) की सर्वे रिपोर्ट 15 जुलाई यानी सोमवार को हाईकोर्ट में सबमिट हो गई है। जानकारी के अनुसार यह रिपोर्ट ढाई हजार पन्नों की है।
इसमें सात अलग- अलग कमेटियों की रिपोर्ट लगी हुई है, जिसमें जीपीआई रिपोर्ट, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी टीम की रिपोर्ट, कार्बन डेटिंग रिपोर्ट व अन्य रिपोर्ट शामिल है। इन रिपोर्ट की समरी के साथ एएसआई ने अपनी पूरी टीप और निष्कर्ष बनाकर ऊपर लगाया हुआ है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 4 जुलाई को सुनवाई करते हुए एएसआई को 15 जुलाई तक रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए थे जिसमें 22 जुलाई को सुनवाई होगी।
रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करें, हाईकोर्ट
इस मामले में 4 जुलाई को ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि इस पर बहस 22 जुलाई को होगी। रिपोर्ट पर संबंधित पक्षकार इसे सार्वजनिक नहीं करें। अभी हम कोई फैसला नहीं दे रहे हैं, इस पर सुनवाई होगी। यानी इस रिपोर्ट को अभी केवल संबंधित पक्षकार, अधिवक्ताओं को ही मिलेगी, इसे उजागर करने पर रोक है। इसमें हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस, मौलाना कलामउद्दीन वेलफेयर सोसायटी धार व अन्य पक्षकार है।
अभी इसलिए नहीं देंगे फैसला
लेकिन इस मामले में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष गया है और वहां से निर्देश है कि बिना हमारी सहमति के इस पर कोई फैसला नहीं होगा। इस पर डबल बैंच ने संबंधित पक्षकारों से कहा कि पहले वहां से मंजूरी लेकर आएं, इसके बाद ही इस पर फैसला हो सकेगा। हालांकि सुनवाई की तारीख 22 जुलाई रख रहे हैं।
बीती सुनवाई में इन्होंने रखे थे पक्ष
यूनियन की ओर से अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने पक्ष रखा और कहा कि सर्वे काम हो चुका है, लेकिन वहां लेवलिंग व अन्य काम हो रहे हैं, ताकि बारिश से किसी भी अवशेष को नुकसान नहीं पहुंचे। साथ ही बताया कि जीपीआर व अन्य रिपोर्ट के अध्ययन के लिए ही हमे समय चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि आपको सर्वे के लिए पर्याप्त समय दिया गया था, जो आपने 6 सप्ताह मांगा था।
वहीं मुस्लिम पक्ष से सलमान खुर्शीद वर्चुअल जुड़े, उन्होंने कहा कि सर्वे काम अब नहीं होना चाहिए। भोज उत्सव समिति की ओर से शिरीष दुबे और याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विनय जोशी ने भी तर्क रखे। वहीं जैन समाज ने भी एएसआई के सर्वे में निकले अवशेषों के आधार पर इसे जैन समाज का होने की बात रखी है और इसके लिए याचिका लगाई है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आपकी याचिका को सुनवाई पर आने दीजिए फिर सुना जाएगा।
अभी तक 1700 अवशेष मिल चुके हैं
भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट में व्यापकता रहेगी। 194 स्तंभों के 8-8 फोटो लिए गए हैं। इस तरह से कई भागों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की गई है। शिलालेखों का अनुवाद किया गया है।
प्राप्त करीब 1700 अवशेषों की विशेषज्ञों की रिपोर्ट है। इस तरह से रिपोर्ट व उसके सहयोगी दस्तावेज हजारों पेज में पहुंचने का अनुमान है, इसलिए समय भी लग रहा है। वहीं, सर्वे संपन्न होने के बाद हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने कहा कि अंतिम दिन सात अवशेष मिले, इनमें छह बड़े हैं। यह पिलर और दीवार के हैं।
एक देवी की खंडित प्रतिमा भी मिली है। साथ ही ब्रह्मा जी की भी प्रतिमा मिली है। इससे पहले भी कई प्रतिमा मिली थी। अभी तक 1700 के करीब अवशेष मिले हैं। इनमें 650 काफी महत्वपूर्ण है। चुतुर्भुज नारायण, गणेश जी और ब्रह्मा जी समेत कई देवी देवताओं की प्रतिमा मिली है।
मुस्लिम पक्ष का अपना दावा
कमल मौलाना मस्जिद वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य अब्दुल समद ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे पूरा हो गया है। बारिश के बाद परिसर में पानी भर गया है। डंप मटरियल से भारी पैमाने पर अवशेष मिले हैं। वहीं, एक्चुअल स्थिति में से करीब 100 अवशेष मिले हैं।
अब्दुल समद ने कहा कि यह एक वैज्ञानिक सर्वे था। अब तथ्यों के आधार पर बात होगी। गौरतलब है कि भोजशाला को हिंदू पक्ष के लोग वाग्देवी का मंदिर मानते हैं। वहीं, मुस्लिम लोग इसे कमाल मौलाना मस्जिद बताते हैं। अब दोनों पक्ष के लोगों को अलग-अलग दिन जाने की अनुमति है।
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