BHOPAL. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बैतूल से पूर्व कांग्रेस सांसद असलम शेर खान (Aslam Sher Khan) ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) की कमजोर स्थिति के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी जैसे नेताओं की नीतियों पर सवाल उठाए और कांग्रेस के भविष्य को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा को भूल गई, अब कांग्रेस खुदगर्जो की पार्टी बन कर रह गई है। इसके साथ ही असलम शेर खान ने एक नई रणनीति पेश की, जिसके तहत उन्होंने मतदाताओं से सीधे जुड़ने के लिए 'इंडियन वोट्स क्लब' (Indian Votes Club) जैसे संगठन बनाने की बात की।
जिम्मेदार नेताओं ने बदल दी पार्टी की विचारधारा
एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने बैतूल पहुंचे लेने पहुंचे पूर्व मंत्री असलम शेर खान ने कहा कि 2023 और 2024 के परिणाम से यह साफ हो गया कि मध्य प्रदेश में अब सामंती और पूंजीपतियों का दौर खत्म हो चुका है। अब यहां गरीबों का दौर आने वाला है, उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में दो से तीन लोग ही कांग्रेस चला रहे थे और उनका प्रभाव अब कमजोर हो चुका है। इनमें से कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए, एक हार गए और एक का अब पार्टी में कोई प्रभाव नहीं रखता है। असलम शेर खान ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने इन नेताओं को टिकट देने और संगठन चलाने का जिम्मा दिया था, लेकिन इन नेताओं ने पार्टी की विचारधारा को पूरी तरह से बदल दिया।
खान ने कमलनाथ पर लगाए आरोप?
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) को लेकर असलम शेर खान ने कहा कि कमलनाथ लगभग बीजेपी में शामिल हो ही गए थे। कमलनाथ ने कांग्रेस की विचारधारा को छोड़ दिया और बीजेपी की विचारधारा को अपना लिया। उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ ने बीजेपी के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को स्वीकार किया और कह दिया कि वे भी हिंदू राष्ट्र के समर्थक हैं।
कमलनाथ की रणनीति पर उठाए सवाल
असलम शेर खान ने कमलनाथ की इस रणनीति पर सवाल उठाया कि अगर कांग्रेस इस तरह की रणनीति अपनाती है, तो क्या वह बीजेपी से मुकाबला कर पाएगी, क्योंकि बीजेपी के पास हिंदू वोटबैंक है। आगे कहा कि कांग्रेस को अपनी पहचान और विचारधारा को बचाए रखना चाहिए था। लेकिन आप उनके पीछे-पीछे चले गए।
पंडित नेहरू और महात्मा गांधी का था यह देश
असलम शेर खान ने आगे कहा कि भारत सेकुलर देश था, पंडित नेहरू और महात्मा गांधी का था। अब राहुल गांधी इस दिशा में काम कर रहे है, लेकिन इस विचारधारा को राज्यों में संभालने वाला कोई नहीं हैं। वहीं असलम शेर खान ने संगठन पर ने टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा बताएं और खुद को स्थापित करें।
बिना प्रयास के मिल रहे हैं 40% वोट
पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा कि आज भी कांग्रेस को बिना किसी विशेष प्रयास के 40 प्रतिशत वोट मिल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सिर्फ 2 प्रतिशत वोट का अंतर था, हम कहां कमजोर पड़े, कहां से हार रहे हैं। इसके बावजूद पार्टी का संगठन कमजोर है और टिकट वितरण सही नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस वोटबैंक को सही तरीके से संगठित करने की आवश्यकता है। खान ने दावा किया कि अगर पार्टी सही दिशा में काम करती है और संगठन मजबूत होता है, तो कांग्रेस 2028 तक मध्य प्रदेश में सरकार बना सकती है।
नया संगठन बनाने की बात
खान ने इस समस्या का समाधान बताते हुए कहा कि कांग्रेस को मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक नया संगठन बनाना चाहिए। उन्होंने 'इंडियन वोट्स क्लब' (Indian Votes Club) जैसे संगठन बनाने की बात की, जिससे कांग्रेस सीधे मतदाताओं से जुड़ सके। उनका मानना है कि अगर कांग्रेस इस रणनीति को अपनाए, तो उसे लोगों का समर्थन मिलेगा और पार्टी की स्थिति मजबूत होगी।
चुनावी रणनीति पर भी दी अपनी राय
खान ने यह भी कहा कि बीजेपी ने 2024 के चुनावों को हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर लड़ा था और उनका पूरा ध्यान इसे पोलराइज करने पर था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को जनता ने नकारा किया और 350 सीटों से घटाकर उन्हें 240 सीटों पर ला दिया। यह दर्शाता है कि देश की जनता धर्मनिरपेक्षता चाहती है और बीजेपी के साम्प्रदायिक एजेंडे को नकार चुकी है।
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