चुनाव के पहले का ऑडियो: पटवारी के खास जय हार्डिया, मोती सिंह को बोल रहे- निर्दलीय नहीं कांग्रेस प्रत्याशी का भरना है फॉर्म

ऑडियो कांग्रेस के डमी प्रत्याशी मोती सिंह पटेल और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के खास व अधिवक्ता जय हार्डिया के बीच का है। इस ऑडियो में मोती सिंह को कहा जा रहा है कि उन्हें निर्दलीय नहीं, बल्कि कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर ही फार्म भरना है।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-07-19T202141.577
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE. लोकसभा चुनाव के पहले का एक ऑडियो वायरल हुआ है। यह ऑडियो कांग्रेस के डमी प्रत्याशी मोती सिंह पटेल और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के खास व अधिवक्ता जय हार्डिया के बीच का है। हार्डिया स्टेट बार काउंसिल के मेंबर भी है। इस ऑडियो में मोती सिंह को कहा जा रहा है कि उन्हें निर्दलीय नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर ही फार्म भरना है। द सूत्र वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

यह है ऑडियो में

मोती सिंह- मैं मोती सिंह बोल रहा हूं, फार्म फिर निर्दलीय का ही भरवा रहे हैं

जय- नहीं, नहीं डमी फार्म रहता है

मोती सिंह- वकील साहब तो बता रहे हैं कि निर्दलीय भर रहे हैं, दस लोगों को बुलाया है, वकील साहब से बात करो

जय- भैय्या यह कांग्रेस की ओर से फार्म होगा, जिसको बी फार्म मिलता है वह प्रत्याशी हो जाता है. , यदि अक्षय के फार्म में कोई गड़बड़ी हुई तो बी फार्म मोती भैय्या को मिल जाएगा। केवल एक प्रस्तावक रहेगा, निर्दलीय का फार्म नहीं भरवाना है।

वकील- तो फिर फार्म निर्दलीय नहीं भरवाना है

जय- अरे निर्दलीय नहीं भरवाना है, कांग्रेस की ओर से भरवाना है

वकील- फिर एजेंट के नाम डालना है, 25 हजार रुपए भरना, प्रस्तावक अमित शर्मा है

जय- एक ही प्रस्तावक बनवाना है

जय हार्डिया ने 'द सूत्र' को यह बताया

जय हार्डिया ने द सूत्र को बताया कि यह गंदी राजनीति हो रही है प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ। ऑडियो मैंने नहीं सुना मुझे सच-झूठ नहीं पता, लेकिन हम चुनाव का फार्म भरवाने के लिए तीन दिन तक मोती सिंह जी के पीछे रहे, लेकिन वह अंतिम दिन डेढ बजे आए। मेरे पास अक्षय के विकल्प के तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशी तौर पर इनका फार्म भरवाने के लिए केवल डेढ घंटे मिले और पूरी ईमानदारी के साथ इनका फार्म भरवाया। जो फार्म मान्य हुआ क्योंकि पूरा सही भरा था। अब अक्षय अधिकृत प्रत्याशी थे इसलिए बी फार्म उन्हें दिया गया और यह नहीं होने से बाद में उनका फार्म कमेटी से खारिज हो गया। 

क्या हुआ निर्दलीय फार्म नहीं भरवाने से ?

प्रदेश कांग्रेस ने गुजरात सूरत की घटना के बाद तय किया था कि हर लोकसभा में कांग्रेस का डमी प्रत्याशी भी उतरेगा और वह फार्म बाद में वापस ले लेगा। इंदौर में मोती सिंह को कांग्रेस के प्रत्याशी तौर पर भरवाया गया। राष्ट्रीय दल से होने पर प्रत्याशी को एक प्रस्तावक लगता है और निर्दलीय पर दस लगते हैं। स्क्रूटनी के दौरान मोती सिंह का नाम खारिज हो गया क्योंकि उनके पास फार्म बी नहीं था वह अक्षय के पास था, लेकिन 29 अप्रैल को अक्षय के नाम वापस ले लिया। मोती सिंह ने दलील दी कि उनका फार्म मान्य किया जाए। वह हाईकोर्ट तक गए लेकिन नियमो के तहत कहा गया कि उनके पास दस प्रस्तावक निर्दलीय के तौर पर होने थे वह थे ही नहीं इसलिए फार्म मान्य नहीं किया जा सकता है। यानी मोती निर्दलीय फार्म भरते तो कांग्रेस अक्षय के नाम वापस लेने के बाद भी लोकसभा चुनाव में बनी रहती। 

अजय चौरड़िया ने भी अभी लगाए थे पटवारी पर आरोप

हाल ही में कांग्रेस के आर्थिक व व्यापारिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय चौरड़िया ने आरोप लगाए थे कि अक्षय बम और जीतू पटवारी की मिलीभगत रही है, इसलिए वह बीजेपी में गए। पहले से ही अक्षय बीजेपी नेताओं के साथ थे, यह जानते हुए भी जीतू ने उन्हें अपनी गारंटी पर टिकट दिलवाया और आज भी अक्षय और जीतू के संबंध बने हुए हैं। 

क्या हुआ था नाम वापसी कांड में ?

अक्षय ने 29 अप्रैल को विधायक रमेश मेंदोला, एमआईसी मेंबर जीतू यादव व अन्य के साथ जाकर नाम वापस ले लिया। इसके बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ वह गाड़ी में रवाना हो गए और बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद मोती सिंह को प्रत्याशी बनाने के लिए जोर लगाया लेकिन उनका फार्म पहले ही खारिज हो चुका था। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी विहीन हो गई और फिर नोटा पर मुहर लगाने का अभियान चलाया गया।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

sanjay gupta

जीतू पटवारी अक्षय बम मोती सिंह पटेल जय हार्डिया ऑडियो वायरल