कहते हैं कलयुग के राजा हनुमान (Hanuman ) जी हैं। जब श्रीराम ( Sriram ) परमधाम को जाने लगे तब हनुमान जी को उन्होंने राजा बनाया था। राजा के राज्य में कोई प्रजा दुखी नहीं रह सकती है। जो भी इनकी शरण में आते हैं, निश्चित रूप से एक पिता और राजा के रूप में हनुमान सबके कष्ट हरते हैं। माता-पिता की सेवा का हनुमान जी जैसा भाव सबमें आए तो जीवन का उद्धार होगा। हम आपको मध्य प्रदेश के ऐसे ही प्रसिद्ध एवं चमत्कारिक हनुमान मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। कहते हैं, इन मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बागेश्वर धाम: 40 हजार की शक्तियां करती हैं भक्तों की रक्षा
छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम बालाजी हनुमान मंदिर आस्था का जागृत केन्द्र हैं। 300 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण सन् 1887 में बाबा सेतु लाल गर्ग ने कराया था। कहा जाता है कि बागेश्वर बालाजी धाम में 40,000 शक्तियां भक्तों की निगरानी करती हैं। इस धाम में मंदिर के आसपास हनुमान जी की 46,000 सेना चारों ओर घूमती रहती है और दु:खी लोगों के मन की बात भगवान तक पहुंचाती हैं।
छिंदवाड़ा: हनुमान जी की नाभि से निकलती है जल धारा
छिंदवाड़ा के जामसांवली में हनुमान जी शयन मुद्रा में विराजित हैं। मान्यता है कि जहां हनुमान जी विराजमान हैं, उसके नीचे खजाना छिपा हुआ है। इसे लेकर एक किस्सा प्रचलित है। स्थानीय लोग बताते हैं कि एक बार कुछ चोर यहां खजाना चुराने पहुंचे थे। तब खजाने को बचाने के लिए हनुमान जी लेट गए, तब से आज तक यहां हनुमान जी पीपल के एक पेड़ के नीचे विश्राम अवस्था में विराजमान हैं। दूसरा, यह खास बात यह भी है कि हनुमान जी की मूर्ति की नाभि से जलधारा निकलती है। पानी कहां से आता है, इसका आज तक पता नहीं चल पाया है।
कटनी: हनुमान जी के आशीर्वाद से जुड़ जाती है हड्डी
कटनी जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित मोहास गांव में हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि जिन लोगों की हड्डी टूट जाती है, हनुमान जी के आशीर्वाद वह ठीक हो जाता है। यही वजह है कि आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों से मरीज टूटी हड्डी के साथ पहुंचते हैं। उन्हें प्रसाद के रूप में एक जड़ी खिलाई जाती है। इसके असर से कुछ दिन में ही मरीज की हड्डी जुड़ जाती है। मंगलवार और शनिवार को मंदिर में अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है। मंदिर के चमत्कार के कई लोग साक्षी हैं।
शाजापुर: यहां हर ट्रेन की रफ्तार हो जाती है कम
शाजापुर के ग्राम बोलाई में हैं सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान। मान्यता है कि हनुमान जी भविष्य बताते हैं। इलाके में इसे लेकर एक किस्सा चलता है। कहते हैं, कई वर्ष पहले मंदिर के पास से गुजरे रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ियों की टक्कर हो गई थी। हादसे के बाद मालगाड़ियों के लोको पायलट ने बताया था कि उन्हें हादसे के बारे में पहले ही पता चल गया था। यानी उन्हें ऐसा आभास हुआ था कि कोई ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए कह रहा है। उस हादसे के बाद से अब मंदिर के पास से गुजरने वाली हर ट्रेन धीमी रफ्तार में गुजरती है।
इंदौर: हनुमान जी ने सांवेर से किया था पाताल में प्रवेश !
इंदौर जिले के सांवेर में कलयुग के देवता हनुमान जी उल्टी प्रतिमा स्थापित है। दुनियाभर में उल्टे हनुमान वाली ये इकलौती प्रतिमा है। पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेतायुग में भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण ने रूप बदलकर राम जी की सेना में प्रवेश कर लिया था। रात में जब सब सो रहे थे, तब अहिरावण राम और लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताल लोक ले गया। तब हनुमान जी ने सांवेर से पाताल लोक में प्रवेश किया था, इसलिए यहां उनके पैर ऊपर और सिर धरती की ओर है।
रायसेन: छींद धाम में हर मनोकामना होती है पूरी
रायसेन जिले की बरेली तहसील में है छींद धाम। छींद गांव में मंदिर होने से हनुमान जी को छींद वाले हनुमान के नाम से भक्त जानते हैं। यहां हनुमान जी की प्रतिमा दक्षिणमुखी है। मान्यता है कि छींद वाले हनुमान जी हर रोग से बचाते हैं। भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक किसान को खेत में हनुमान जी की प्रतिमा मिली थी। किसान ने वहीं, प्रतिमा को स्थापित कर दिया था। अब यहां विशाल मंदिर बन गया है।
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