बैंक खाता KYC अपडेट नहीं था, इंदौर जिला कोर्ट के SBI खाते में पुराने मोबाइल नंबर से निकल गए 64 लाख

इंदौर के जिला कोर्ट के एसबीआई बैंक खाते में केवायसी अपडेट न होने के कारण 64 लाख रुपए की धोखाधड़ी हो गई। 5 मार्च से 11 जून के बीच साइबर अपराधियों ने इस खाते से यूपीआई के माध्यम से राशि निकाली।

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Sanjay Gupta
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समय पर केवायसी (Know Your Customer) अपडेट नहीं करने से जिला कोर्ट इंदौर के एसबीआई बैंक खाते में ही सेंध लग गई। इसमें से 64 लाख रुपए मार्च से 11 जून के दरमियान निकाल लिए गए। जब एडीजे का वाउचर बाउंस हुआ तब इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

गुजरात के खाते में गई धोखाधड़ी की राशि

एडीजे के वाउचर बाउंस होने के बाद बैंक प्रबंधक ने साइबर हेल्पलाइन और अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवाई। इसमें गुजरात से लिंक मिली। इसमें दो आरोपियों को चिह्नित भी किया गया है, जिनके नाम से सिमकार्ड जारी हुआ था। एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया ने बताया कि जिला कोर्ट परिसर स्थित एसबीआई के बैंक मैनेजर पुनीत तिवारी ने 64 लाख 5 हजार रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की है। इसमें आरोपी साहिल रंगरेज और उसके पिता साजिद अब्दुल सत्तार रंगरेज निवासी डिसेंट अपार्टमेंट धानभुरा रोड बलसाड़ (गुजरात) के विरुद्ध केस दर्ज हुआ है।

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जिला कोर्ट के नाम से है खाता

दंडोतिया ने बताया कि 17वें एडीजे जिला न्यायालय के नाम से यह बैंक खाता है। जांच में पता चला कि 5 मार्च से 11 जून के बीच यूपीआई के माध्यम से साइबर अपराधियों ने यह राशि पेटीएम से निकाली है। पेटीएम गुजरात के मोबाइल (9825556011) से रजिस्टर्ड है। इस राशि को एसबीआई के खाते (बलसाड़) में भेजे गए हैं जो आरोपी साहिल और साजिद का संयुक्त रूप से है।

KYC में पुराना नंबर ही चल रहा

केस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बैंक और कोर्ट अधिकारियों की लापरवाही थी। खाते का जो रजिस्टर्ड नंबर था वह काफी पहले बंद हो गया। केवायसी अपडेट ना कोर्ट अधिकारियों ने करवाया, ना ही बैंक अधिकारियों ने मांगा। वहीं मोबाइल कंपनी ने यह नंबर अन्य उपभोक्ता को जारी कर दिया। आरोपियों ने इसका फायदा उठाते हुए यह साइबर क्राइम को अंजाम दे डाला। आरोपियों ने ई-वालेट सुविधा ली, पेटीएम भी इंस्टॉल हो गया। आरोपियों ने इससे जमकर खरीदारी की और खाते से राशि निकाली।

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