मंत्री कैलाश के नाम पर धमकाने वाले बसंत, अखिल की अग्रिम जमानत खारिज

बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट इंदौर ने खारिज कर दी। इस मामले में जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर की बेंच में करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई।

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Sanjay gupta
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INDORE. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नाम पर धमकाने वाले बसंत विजयवर्गीय और अखिल उपासनी की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट इंदौर ने खारिज कर दी। इस मामले में जस्टिस संजीव एस. कलगांवकर की बेंच में करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई। इसके बाद हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। 

आपत्तियां भी लगी

अक्तूबर में दोनों पर चंदननगर थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज हुआ था और इसके बाद जिला कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी।  इन पर आरोप है कि इन्होंने अवैध कॉलोनी की जमीन वैध बताकर बेच दी। यह धोखाधड़ी 5.62 करोड़ रुपए की हुई है। सुनवाई के दौरान कुछ पक्षकारों ने जमानत याचिका पर आपत्ति भी लगाई। शासकीय अधिवक्ता कमल तिवारी के साथ ही आपत्तिकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर, अधिवक्ता मनु जितेंद्र माहेश्वरी, अधिवक्ता आयुष्मान चौधरी व अधिवक्ता ऋषि त्रिवेदी ने धोखाधड़ी को लेकर मजबूत तर्क रखे। इनके द्वारा किए गए एग्रीमेंट, ली गई राशि इन सभी के दस्तावेज व साक्ष्य प्रस्तुत किए। सभी तर्कों को सुनने के बाद बेंच ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। 

कौन है बसंत और अखिल

अखिल पिता गोविंद उपासनी 356/3 नंदा नगर का ही निवासी है। बसंत पिता नर्बदा प्रसाद विजयवर्गीय 26/ए सुभाष नगर परदेसीपुरा का निवासी है। यह सालों से मंत्री विजयवर्गीय के करीब रहा है, और उनके नाम पर धौंस जमाने का काम करता रहा है। इसकी लंबी समय से शिकायतें आ रही थी। मंत्री विजयवर्गीय को जब लोगों ने हरकते बताई तो खुद मंत्री विजयवर्गीय ने पुलिस को फोन कर विधिक कार्रवाई के लिए कहा। इसके बाद चंदननगर थाने में अखिल, बसंत के साथ ही वायएएस रियल एस्टेट कंपनी (YAS REAL STATS COM) पर धारा 420 और 406 के तहत केस दर्ज हुआ। इसमें वायएएस रियल एस्टेट कंपनी के भागीदार सफदर पिता मुल्ला ताहिर भाई लिमाखेड़ा पर भी आरोप लगे। बाद में पुलिस ने जांच के बाद 467, 468 जैसी गंभीर अपराध की भी धारा बढ़ा दी।

इस तरह की गई 5.62 करोड़ की धोखाधड़ी

यह केस फरियादी अमित सिंह ने दर्ज कराया है। सिंह और उनके पार्टनर ने मिलकर सिंहासा ग्राम की क्लासिक एवेन्यू जो सर्वे नंबर 237/1/1,  237/2/1,  237/2/2 पर है में 1.50 लाख वर्गफीट जमीन पर कटे भूखंड का सौदा किया था। इसके लिए अखिल, बसंत को राशि दी गई साथ ही वायएएस कंपनी को भी सौदा राशि दी गई। कुल राशि 5.62 करोड़ रुपए दिए गए। सौदे में था कि इस राशि के बदले में सिंह व अन्य को कंपनी वायएएस रियल एस्टेट में पार्टनर भी बनाया जाना था। लेकिन बाद में सामने आया कि जिस कॉलोनी के भूखंड बेचे गए, वह  कॉलोनी अवैध है, साथ ही जो भूखंड बेचना बताया गया है, वह तो सरकार के पास बंधक रखे प्लाट के हैं, जो बेचे ही नहीं जा सकते हैं। ना ही सिंह व उनके पार्टनर को कंपनी में लिया गया, बताया गया कि यह राशि तो बसंत और अखिल ने ली है, कंपनी को नहीं दी है, पहले बकाया राशि दो। 

धमकी देने वाले हमारे बारे में पूछ लेना

इसके बाद विवाद शुरू हुआ तो इसके बाद सिंह व अन्य को धमकाना शुरू कर दिया गया। एफआईआर में लिखा है कि हमे धमकाया गया कि बाकी सौदा राशि भी दो, नहीं तो हत्या करवा देंगे। हमे जानता नहीं है, नंदानगर में जाकर हमारे बारे में पूछ लेना। पुलिस ने फरियादी के आवेदन पर केस दर्ज कर लिया।

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