BHOPAL. मप्र पुलिस लोकसेवा से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई का दावा करती है। विभाग के इसी दावे के विपरीत बैतूल जिले की आठनेर थाना पुलिस ने कुछ ऐसा किया कि युवक बेदाग होते हुए भी बदनामी का शिकार हो गया। अपनी इस हरकत पर जिला पुलिस ट्रोल हुई तो पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया को आगे आकर मामले का संभालना पड़ा।
जानकार सूत्रों के अनुसार, आठनेर थाना क्षेत्र के ग्राम पांढुर्णा निवासी रूपेश देशमुख को नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण-पत्र की आवश्यकता थी। इसके लिए उसने इलाके की थाना पुलिस को आवेदन दिया। लंबे समय तक यह सर्टिफिकेट न बनने पर युवक ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की। बस, यह उसका दोष बन गया। थाना पुलिस ने प्रकरण का निराकरण करने उसका प्रमाण-पत्र तो बनाया लेकिन साथ ही लाल स्याही से उस पर एक अतिरिक्त टीप लिख दी कि, आवेदक 'सीएम हेल्प लाइन में बार-बार शिकायत करने का आदी है।'
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सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना
थाने से जारी यह कागज बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके वायरल होते ही बैतूल पुलिस ट्रोल हो गई। ट्रोलर्स ने पुलिस की इस हरकत की कड़ी आलोचना की। लोगों ने सवाल उठाए कि सरकार ने हेल्पलाइन सेवा आम नागरिकों की मदद के लिए शुरू की है। तब किसी शिकायतकर्ता को इस तरह प्रताड़ित करना कहां तक उचित है?
दो पुलिसकर्मी हुए निलंबित
यह मामला जैसे ही जिले के पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया के संज्ञान में आया। उन्होंने प्रकरण में दोषी प्रधान आरक्षक बलराम सरयाम और आरक्षक विप्लव मरासे को निलंबित कर दिया। साथ ही फरियादी युवक को संशोधित चरित्र प्रमाण-पत्र भी जारी कराया।
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