Bhopal : विभिन्न संगठनों ने बुधवार, 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है। बड़ा सवाल यह है कि क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा...? हर किसी के मन में यही सवाल है। 'द सूत्र' ने मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में पड़ताल की तो सबसे अहम बात तो यह सामने आई कि 'भारत बंद' का स्कूलों पर असर नहीं होगा। सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल अपने नियत समय पर खुलेंगे और पढ़ाई होगी। वहीं, अस्पताल और मेडिकल स्टोर जैसी आवश्यक सेवाएं पूरे समय चालू रहेंगी।
सहोदय ग्रुप, इंदौर के मोहित यादव ने बताया कि इंदौर में सभी सीबीएसई स्कूल खुलेंगे। सरकारी स्कूलों को लेकर भी प्रशासन की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है। भोपाल के कैम्पियन स्कूल प्रबंधन ने बताया कि स्कूल बंद को लेकर उनके पास कोई सूचना नहीं है। लिहाजा, स्कूल अपने पूर्व निर्धारित समय पर लगेगा। दिल्ली पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने भी कहा कि स्कूल खुलेगा।
मध्यप्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता (जबलपुर) ने बताया कि किसी भी स्कूल ने बंद करने की कोई जानकारी अभिभावकों को नहीं दी है। इसी तरह ग्वालियर, सागर, सतना, नर्मदापुरम, उज्जैन, शहडोल, रतलाम जैसे बड़े शहरों में भी सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल समय से खुलेंगे।
क्यों उठी भारत बंद की मांग
पिछले दिनों अनुसूचित जाति एवं जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। इसे लेकर देश के विभिन्न संगठनों ने 21 अगस्त को 'भारत बंद' का ऐलान किया है। बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी सहित कई पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी जान लीजिए
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला कहा है कि सभी एससी, एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए- सीवर की सफाई एवं बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, पर इन जातियों के लोग अधिक पिछड़े हैं। इनके उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) करके कोटा निर्धारित कर सकती हैं। शीर्ष अदालत के इसी फैसले को लेकर देशभर में बंद का आह्वान किया गया है।
कौन-कौन सी सेवाएं चालू रहेंगी
भारत बंद पर सभी प्रकार की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं चालू रहेंगी। आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। तमाम सरकारी दफ्तर और बैंक भी खुले रहेंगे। हालांकि माना जा रहा है कि बंद का असर सार्वजनिक परिवहन सेवाओं और कई स्थानों पर निजी दफ्तरों में प्रभाव देखा जा सकता है। हालांकि बाजार को लेकर मध्यप्रदेश में कहीं भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। किसी व्यापारिक संगठन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
जयस के नाम से पत्र जारी, किया बंद का समर्थन
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने बंद का समर्थन किया है। जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम के नाम से सामने आए पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया एससी-एसटी आरक्षण में सब कैटेगराइजेशन यानी क्रीमीलेयर लागू कर सकते हैं। क्योंकि, एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण का आधार उनके साथ हुआ जातिगत भेदभाव, अत्याचार व शोषण रहा है। इन सबको खत्म कर समानता स्थापित कर समता मूलक समाज और राष्ट्र निर्माण के मकसद से आरक्षण सहित अन्य विशेष अधिकार एससी-एसटी को दिया गया था, पर ये लागू होता है तो समानता के उद्देश्य और परिकल्पना को साकार नहीं किया जा सकता। इसलिए जयस बंद का समर्थन करता है। पत्र में शांतिपूर्ण बंद करने की अपील की गई है।
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