भोपाल में 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित होने वाला 10वां अंतर्राष्ट्रीय वन मेला इस बार एक अनूठी पहल के साथ आ रहा है। "लघु वनोपज के माध्यम से महिला सशक्तिकरण" की थीम पर आधारित यह मेला न केवल प्रदेश के पारंपरिक वन संसाधनों का सम्मान करता है, बल्कि महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में इस मेले का उद्घाटन होगा, जो भारतीय वन उत्पादों और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए एक वैश्विक मंच तैयार करेगा। आइए जानते हैं इस मेले में क्या खास होगा और यह किस तरह महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ वन संसाधनों को बढ़ावा देने का काम करेगा।
लघु वनोपज और महिला सशक्तिकरण
इस साल के वन मेले का मुख्य विषय "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" है। मेले में महिलाओं की भागीदारी को विशेष रूप से सराहा जाएगा, क्योंकि लघु वनोपज संग्रहण में उनकी भूमिका करीब 50 प्रतिशत है। इस आयोजन से महिलाओं को अपनी उत्पादकता और व्यवसायिक क्षमताओं को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा।
मेले में सरकारी विभागों की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। वन मेले में पचास से अधिक वैद्य निशुल्क उपचार करेंगे। इस मेले में 25 हजार लोगों के उपचार की संभावना है।
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला और वैश्विक सहभागिता
19 और 20 दिसंबर को आयोजित होने वाली दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में श्रीलंका, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस कार्यशाला का उद्देश्य लघु वनोपज, औषधि पौधों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर अंतर्राष्ट्रीय संवाद को बढ़ावा देना है। इस संवाद से नए व्यापारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण सामने आएंगे, जो इस क्षेत्र को वैश्विक मान्यता दिलाने में सहायक होंगे।
300 स्टॉल और प्रदर्शनी
10वें वन मेले में 300 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें राज्य के विभिन्न वन उत्पादक, आयुर्वेदिक औषधि निर्माता, कृषक और शासकीय विभाग अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक मंच प्रदान करता है जहां लोग वन संसाधनों के उपयोग के बारे में अधिक जान सकते हैं और इससे जुड़ी संभावनाओं को समझ सकते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजन
वन मेला सिर्फ एक व्यापारिक मंच नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोकनृत्य, नुक्कड़ नाटक, आर्केस्ट्रा और गायन कार्यक्रम शामिल हैं। प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी, हास्य कलाकार एहसान कुरैशी और सूफी बैण्ड जैसी शख्सियतों के कार्यक्रम मेले को और भी रोमांचक बनाएंगे।
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