जबलपुर के बाद अब भोपाल प्रशासन भी कसेगा शिक्षा माफिया पर शिकंजा

जबलपुर की तर्ज पर भोपाल जिला प्रशासन ने भी अपनी टीम बनाकर शिक्षा माफिया और मनमानी फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। द सूत्र से खास बातचीत में कलेक्टर ने बताया है कि जल्द एक्शन लेंगे इसकी तैयारी हो रही है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूल और प्रकाशकों पर कार्रवाई की चारों तरफ चर्चा रही। अभिभावकों से लेकर आम नागरिकों तक ने दिल खोलकर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना की प्रशंसा के पुल बांधे थे।

इस बीच अब भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ( Collector Kaushalendra Vikram Singh ) ने अपनी टीम बनाकर शिक्षा माफिया और मानमानी फीस लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

द सूत्र से खास बातचीत में कलेक्टर ने बताया है कि जल्द एक्शन लेंगे इसकी तैयारी हो रही है। साथ ही उन्होंने स्कूलों का नाम बताने से इंकार करते हुए कहा अभी नाम बताना ठीक नहीं है।

प्राइवेट विद्यालयों के लिए किया ये आनिवार्य

सभी प्राइवेट विद्यालयों के लिए यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें।

इसके साथ ही कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को अपनी सुविधानुसार खुले बाजार से खरीद सकें। 

जबलपुर में NCERT की नकली किताब की बिक्री पर कार्रवाई

बता दे कि जबलपुर में शिक्षा माफिया (Education mafia in Jabalpur) के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की थी। शिक्षा माफिया की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं इन्हें उखाड़ फेंकना आसान नजर नहीं आ रहा।

शहर में नकली ISBN की किताबों के बाद अब बाजार में NCERT की नकली किताब ( NCERT fake book ) की बिक्री हो रही है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की इन किताबों विशेषज्ञों की देख-रेख में मानकों के अनुकूल तैयार की जाती हैं। 

दिल्ली से आई टीम ने की थी कार्रवाई

जबलपुर में नकली किताबों के बेचे जाने के इस गोरखधंधे की पोल तब खुली जब  NCERT नई दिल्ली के व्यापार प्रबंधक भूपेंद्र सिंह को जबलपुर शहर में NCERT की नकली किताबें बेचे जाने की सूचना अपने नई दिल्ली मुख्यालय से मिली।

इसके बाद उन्हें और  सहायक उत्पादन अधिकारी दीपक जायसवाल  को सक्षम अधिकारी के रूप में इसकी जांच के लिए अधिकृत किया गया था।

जबलपुर कलेक्टर की कार्रवाई पर उठे थे सवाल

भारतीय शैक्षिक प्रकाशक संघ ने जबलपुर कलेक्टर की कार्रवाई को गलत बताया है। साथ ही कलेक्टर से 100 करोड़ रुपए हर्जाने के रूप में वसूलने की बात कर रहा है, जबकि निजी स्कूलों और प्रकाशकों पर कार्रवाई की चारों तरफ चर्चा रही प्रकाशक संघ जबलपुर कलेक्टर की इस कार्रवाई को गलत बता रहा और कलेक्टर से 100 करोड़ रुपए हर्जाने के रूप में वसूलने की बात कर रहा है। जबलपुर कलेक्टर के 30 मई को प्रेषित पत्र के जवाब में पत्र लिखकर कुछ महत्वपूण बिंदुओं पर ध्यान दिलवाया है।

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sandeep mishr

 

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