इंदौर लसूडिया पुलिस ने दस माह पहले भोपाल के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट मिलिंद जुमड़े ( Bhopal architect Milind Jumde ) के सुसाइड केस में एफआईआर दर्ज की है। इसमें पुलिस ने पीडब्लूडी ब्रिज सेक्शन के चीफ इंजीनियर रहे संजय खांडे के भाई राजेश खांडे पुत्र निवासी बैकुठधाम 202 पुनम पैलेस नियर आनंद बाजार के साथ ही भोपाल के नामी मॉलिक्यूल बार के पार्टनर प्रमेश मेहता पुत्र प्रेमनारायण मेहता निवासी ए 17 निरुपम रायल पाम्स जाटखेडी होशंगाबाद रोड भोपाल को आरोपी बनाया है। आर्किटेक मिलिंद का शव इंदौर के लसूडिया की लॉ फ्लोरा होटल के कमरा नंबर 21 में मिला था।
सुसाइड नोट में था दोनों का नाम
मिलिंद ने मौत से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। यहां उन्होंने जहरीली गोलियां खाने के बाद हाथ की नस काट ली थी। मर्ग जांच में पुलिस ने परिवार में मां सुशीलाबाई, पत्नी प्रीति, साले रविंद्र राव, ममेरे भाई संजय और सिंद्धात ओझा के स्टेटमेंट लेने और मिलिंद के सुसाइड नोट के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ ये केस दर्ज किया है। मिलिंद की भोपाल में अर्थ एसोसिएट्स के नाम से फर्म भी है।
राजेश खांडे ने इस तरह ठगा
मिलिंद ने सुसाइड नोट में पार्टनर राजेश खांडे पर आरोप लगाते हुए लिखा था कि, ‘तेरी वजह से मैं बर्बाद हो गया हूं। मौत का जिम्मेदार राजेश खांडे को ही माना जाए, मैं राजेश खांडे की वजह से आत्महत्या कर रहा हूं। जबरदस्ती पैसे वसूली कर दबाव बनाकर मेरी मानसिक स्थिति भंग की। मॉलिक्यूल इंदौर में यह व्यक्ति मुख्य भागीदार है। मॉलिक्यूल प्रोजेक्ट में जबरदस्ती करोड़ों रुपए का दबाव इसके द्वारा बनाया गया। मेरी पत्नी को कई माह पहले प्रोजेक्ट से बाहर कर चुके हैं। पत्नी के 7.5 प्रतिशत शेयर अपने पास रख लिए। राशि दे चुका हूं, फिर भी यह डेढ़ करोड़ रुपए के लिए दबाव बना रहे हैं।
मालिक्यूल बार के मेहता ने ऐसे ठगा
सुसाइड नोट में था कि इसी तरह भोपाल मॉलिक्यूल के प्रिमेश मेहता द्वारा मुझे छला गया। मॉलिक्यूल की लागत 2.20 करोड़ बताकर प्रिमेश ने प्रोजेक्ट का खर्च 4.40 करोड़ बताया। उसके दबाव में पत्नी का पूरा शेयर बेचना पड़ा। मैंने 2.60 करोड़ रुपए मॉलिक्यूल में पहुंचाए। जबकि वहां मेरी पत्नी की भागीदारी 52 लाख रुपए की बनती है।
राजेश खांडे की वजह से मुझे लोगों से कर्जा लेना पड़ा। पैसों के दबाव में आठ महीनों से पत्नी से झगड़े हो रहे है। प्रोजेक्ट में 2.60 करोड़ लेने के बाद 1.5 करोड़ और देने का दबाव बनाया जा रहा हैं। मेरी पूरी जिंदगी इन दोनों की वजह से बर्बाद हो गया। अब और अधिक राशि देने में सक्षम नहीं हूं और ज्यादा दबाव नहीं झेल सकता।
पुलिस ने यह बताया
पुलिस के मुताबिक आर्किटेक्ट मिलिंद जुमड़े ‘अर्थ एसोसिएट’ के प्रोप्राइटर थे। उन्होंने मिंटो हॉल, सैर सपाटा जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट में काम किया था। कुछ समय से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। बता दें, पिछले साल 30 सितंबर को इंदौर की एक होटल में उनका शव बरामद किया गया था। उनके पास से 6 पेज का सुसाइड नोट मिला था। इसमें उन्होंने खांडे और मेहता पर आरोप लगाए थे।
30 सितंबर को की थी आत्महत्या
भोपाल रेलवे स्टेशन और मिंटो हॉल में काम कर चुके आर्किटेक्ट मिलिंद ने 30 सितंबर को स्कीम-94 स्थित ला फ्लोरा होटल में कमरा बुक किया था। चेक इन के वक्त उन्होंने होटल प्रबंधन को हिदायत दी कि कमरे में तब तक कोई डिस्टर्ब नहीं करे, जब तक वह किसी काम के लिए स्टाफ को न बुलाएं। दो दिन तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो होटल प्रबंधन ने चेक किया। कमरा खोला तो देखा कि बेड पर मिलिंद का शव है और बिस्तर खून से सना था। आर्किटेक्ट ने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा और हाथ की नस काट ली।
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