राजधानी में ताक पर नियम... तालाब की पाल पर बेसमेंट में ओपीडी चला रहा बंसल अस्पताल

दिल्ली हादसे के बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं खुली है। मध्यप्रदेश में भी बेधड़क बेसमेंट में कोचिंग, अस्पताल और दुकानें चल रहीं  हैं। राजधानी भोपाल में नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई की शुरुआत तो कर दी है, लेकिन इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं...

Advertisment
author-image
Sanjay Sharma
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

अभिषेक तिवारी. BHOPAL. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन छात्रों की डूबने से मौत हो गई। डरा देने वाले इस हादसे के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इधर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई की शुरुआत कर दी है, लेकिन इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। 

नियमों को ताक पर रखकर चल रहा बंसल 

दरअसल, नगर निगम की कार्रवाई में पक्षपात साफ नजर आता है। नगर निगम ने 30 जुलाई, मंगलवार को एमपी नगर में संचालित एक कोचिंग सेंटर को सील किया है। पूरे शहर में बेसमेंट में चल रही दूसरी कोचिंग, अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शाहपुरा क्षेत्र में तालाब किनारे स्थित बंसल अस्पताल नियमों को ताक पर रखकर चलाया जा रहा है। इसके बेसमेंट में ओपीडी, एमआरआई सेंटर और ब्लड बैंक का संचालन हो रहा है। जानकारी के बाद भी प्रशासन कार्रवाई करने से बच रहा है। यानी नियम तोड़ने वालों पर भी प्रशासन चेहरे देख-देख कर कार्रवाई करता नजर आ रहा है। 

डीसीपी ने थमाया था नोटिस

नगर निगम की गाइड लाइन के हिसाब से बेसमेंट का उपयोग व्यावसायिक रूप से नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर न केवल संबंधित संस्थान पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है, बल्कि उसके संचालन की अनुमति भी रद्द की जा सकती है। इसके बावजूद बंसल ग्रुप अपने अस्पताल में एक नहीं, कई नियमों की अनदेखी लगातार करता आ रहा है। हाल ही में शाहपुरा क्षेत्र की सड़कों पर बंसल अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन और डॉक्टरों के वाहन खड़े करने पर ट्रैफिक पुलिस डीसीपी बसंत कौल नोटिस थमा चुके हैं। 

बेसमेंट को पार्किंग एरिया बताया, वहां वाहन नहीं मरीज

अब बात करते हैं बंसल अस्पताल के बेसमेंट की। अस्पताल प्रबंधन ने अपने दस्तावेजों में जिस बेसमेंट को पार्किंग एरिया घोषित कर रखा है, वहां वाहन खड़े नहीं होते। इस जगह का उपयोग अस्पताल प्रबंधन ओपीडी, इमरजेंसी सहित दूसरे वार्डों में मरीजों के चेकअप में कर रहा है। बेसमेंट में ब्लड बैंक, एमआरडी, ईईजी, ईएनएमजी, स्टोर, फेटल मेडिसिन और रेडियोलॉजी सेंटर के साथ परामर्श और भुगतान सेंटर है। यहां ओपीडी के समय और उसके बाद 500 से 800 मरीज और परिजनों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं अस्पताल आने वाले लोगों के साथ अधिकतर डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों के वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं।

आठ माले की बिल्डिंग और ऐसा काम...

बेसमेंट का उपयोग अस्पताल प्रबंधन द्वारा चिकित्सा ईकाइयों के संचालन में किया जा रहा है, जबकि ऐसा करना नियम विरुद्ध है। अस्पताल के संचालन के लिए प्रशासन द्वारा जो अनुमति जारी की जाती है, उसके मुताबिक बेसमेंट में यह गतिविधि नहीं हो सकती। बेसमेंट के अलावा अस्पताल आठ फ्लोर की बिल्डिंग में संचालित है। अस्पताल बेसमेंट का उपयोग कर रहा है इसकी जानकारी प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों से छिपी नहीं है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन के रसूख और अफसरों से साठगांठ के चलते यह कार्रवाई से बच निकलता है। इसी वजह से मैदानी अमला भी कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस जारी करके पल्ला झाड़ता रहा है। 

'द सूत्र' ने किया मौका मुआयना

'द सूत्र' ने मंगलवार को बंसल अस्पताल के बेसमेंट में चिकित्सा इकाइयों के संचालन के संबंध में जिम्मेदार अफसरों से बात करने की कोशिश की। इसके लिए भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम कमिश्नर हरेन्द्रनारायण से बात करने कई बार उनके मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इस संबंध में नगर निगम की आपदा प्रबंधन प्रभारी अपर आयुक्त निधि सिंह का कहना है कि बेसमेंट का उपयोग सामान्य तौर पर अस्पताल, कोचिंग या अन्य कमर्शियल उपयोग में नहीं किया जा सकता। यह जगह पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है। दिल्ली में हुए हादसे के बाद निगम कमिश्नर द्वारा शहरी क्षेत्र में बेसमेंट में चल रहे प्रतिष्ठानों की जानकारी जुटाई जा रही है। ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। 

यह है भवनों के व्यावसायिक उपयोग की गाइडलाइन...

  1. बेसमेंट 10 मीटर से ज्यादा गहरा नहीं होना चाहिए।

  2. इसका उपयोग सिर्फ व्यावसायिक परिसर की पार्किंग में ही किया जा सकता है। 

  3. आवासीय परिसर के लिए बेसमेंट खुदाई की अनुमति नहीं है। ऐसा करता है तो अवैध है।

  4. बेसमेंट के लिए भी एमओएस यानि मिनिमम ओपन स्पेस के नियम का पालन करना जरूरी है। 

  5. सड़क से साढ़े चार मीटर दूर ही खुदाई की जा सकती है।

  6. आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते हों, ताकि किसी आपात स्थिति में लोग सुरक्षित निकल सकें।

  7. भवन अनुज्ञा शाखा ने भोपाल में जोन के आधार पर भवन अनुज्ञा इंजीनियर तैनात किए हैं। 

  8. अनुज्ञा इंजीनियरों का जिम्मा जोन में हो रहे निर्माण और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई तय करना है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

बेसमेंट में ओपीडी राजधानी में ताक पर नियम बंसल अस्पताल एमपी न्यूज भोपाल