MP News : भोपाल के समग्र विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार अब भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) से 4000 एकड़ जमीन लेने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रही है। इस बार मॉडल कुछ अलग होगा — जब तक जमीन का हस्तांतरण नहीं होता, तब तक खाली व अतिक्रमणयुक्त भूमि का उपयोग विकास परियोजनाओं में किया जाएगा। बदले में उस जमीन का हिस्सा विकसित कर BHEL को लौटाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने हाल ही में समीक्षा बैठक में कहा- भोपाल को मेट्रोपॉलिटन बनाना है, लेकिन एक ओर वन क्षेत्र और दूसरी ओर झीलों के कारण विस्तार सीमित है। ऐसे में BHEL की खाली भूमि का उपयोग अत्यावश्यक है।
क्या है प्रस्तावित मॉडल
अभी ये हैं सीमाएं
- वन क्षेत्र और रामसर साइट के कारण भोपाल का विस्तार सीमित है।
- झीलों और नदियों से घिरे क्षेत्र में निर्माण की अनुमति नहीं।
- BHEL की भूमि के आसपास का क्षेत्र अपेक्षाकृत खाली और उपयोग के लिए उपयुक्त है।
जमीन की मैपिंग और उपयोग
सीएम ने निर्देश दिए हैं कि शहरी सीमा की सारी खाली जमीन की मैपिंग की जाए। उसका 100% विकासात्मक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। मेट्रो रूट को अधिक उपयोगी और सुगम बनाया जाए। यह भी कहा गया है कि परियोजनाओं में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो। फिलहाल यहां खाली पड़े हुए आवासों असामाजिक तत्वों द्वारा गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा है।