आज के समय में सभी काम मोबाइल (Mobile) पर ही हो जाते हैं। पैसे का लेन-देन, घर बेचना-खरीदना, नौकरी ढूंढना। सभी प्रकार के विज्ञापन आजकल सोशल मीडिया (Social Media) पर आसानी से मिल जाते हैं। ऐसा ही एक नौकरी दिलाने का विज्ञापन एक महिला को मिला। इस झूठी नौकरी के विज्ञापन (Online Advertisement) के झांसे में फंसने के बाद महिला के साथ कई बार दुष्कर्म हुआ है। इतना ही नहीं, मुंह खोलने पर अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी दी। यह मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) का है। आइए जानते हैं कैसे रह सकते हैं इससे सतर्क और क्या हैं इसके कानून ...।
ये है पूरा मामला
दरअसल, भोपाल के अयोध्या नगर थाना प्रभारी महेश ने बताया कि युवती ने ऑनलाइन जॉब का विज्ञापन देखकर आवेदन किया था। इस दौरान युवती की पहचान एक एमपी ऑनलाइन वाले अभिषेक विश्वकर्मा से हुई। इसके बाद 23 फरवरी को आरोपी ने सेमिनार में शामिल कराने का बहाना बनाकर युवती को होटल में बुलाया।
वहां उसने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर युवती को बेहोश कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी ने महिला के न्यूड फोटो और वीडियो भी निकाल लिए।
महिला को दी धमकी
आरोपी ने पीड़िता को धमकी दी कि यदि वह शिकायत करती है तो उसकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। इससे परेशान होकर युवती ने अपनी पूरी कहानी पति को बताई और थाने जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को पिपलानी से गिरफ्तार कर लिया है।
डिजिटल अपराधों से बचने के लिए कुछ सावधानियां और इनसे जुड़े कानूनों की जानकारी दी गई है:
डिजिटल अपराध से बचने के उपाय
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: हमेशा जटिल और लंबा पासवर्ड रखें जिसमें अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह शामिल हों। नियमित रूप से पासवर्ड बदलें।
- संदिग्ध लिंक से बचें: अनजान ईमेल, मैसेज, या वेबसाइट पर आने वाले लिंक पर क्लिक न करें। ये फिशिंग हमलों का हिस्सा हो सकते हैं जो आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं।
- दो-स्तरीय सत्यापन (2FA) : ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 2FA का उपयोग करें, जिससे लॉगिन प्रक्रिया में एक और सुरक्षा स्तर जोड़ा जाता है।
- अपना डेटा सुरक्षित रखें: अपने व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा को सुरक्षित रखने के लिए केवल विश्वसनीय वेबसाइटों पर ही जानकारी साझा करें। एंटीवायरस और फायरवॉल का उपयोग करें।
- सोशल मीडिया पर सतर्क रहें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सोशल मीडिया पर सीमित रखें और गोपनीयता सेटिंग्स को सही से कॉन्फ़िगर करें।
- सॉफ्टवेयर अपडेट्स: अपने डिवाइस पर ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि सुरक्षा खामियों को दूर किया जा सके।
- अज्ञात फाइलें न खोलें: ईमेल या मैसेज में अज्ञात फाइलें न खोलें, क्योंकि उनमें वायरस या मैलवेयर हो सकता है।
- सार्वजनिक वाई-फाई का सुरक्षित उपयोग: सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय VPN का इस्तेमाल करें ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे।
डिजिटल अपराधों से जुड़े कानून
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000)
- यह अधिनियम भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए लागू किया गया है। इसमें हैकिंग, डेटा चोरी, फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर बुलिंग जैसी गतिविधियों के लिए सजा का प्रावधान है।
- धारा 66: किसी भी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर की गई कंप्यूटर संबंधित धोखाधड़ी या अपराध के लिए सजा दी जाती है।
- धारा 67: किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करने पर सजा का प्रावधान है।
भारतीय दंड संहिता (IPC)
- धारा 354D: साइबर स्टॉकिंग (इंटरनेट पर किसी का पीछा करना या परेशान करना) के लिए सजा का प्रावधान है।
- धारा 419 और 420: ऑनलाइन धोखाधड़ी और छल के मामलों में सजा का प्रावधान है।
पॉक्सो एक्ट, 2012
बच्चों से संबंधित साइबर अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है, जिसमें बाल यौन शोषण और ऑनलाइन उत्पीड़न शामिल हैं।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
भारत सरकार ने साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए एक पोर्टल शुरू किया है ( https://cybercrime.gov.in/ ) जहां आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
कैसे करें रिपोर्ट
- अगर आप साइबर अपराध का शिकार होते हैं, तो निकटतम साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें या ऊपर दिए गए पोर्टल का उपयोग करें।
- रिपोर्ट करते समय सभी प्रमाण जैसे कि स्क्रीनशॉट, मैसेज, ईमेल आदि जमा करें, ताकि पुलिस आपकी मदद कर सके।
- डिजिटल अपराधों से बचने के लिए जानकारी और सावधानी सबसे बड़ा हथियार है। यदि आप सतर्क रहते हैं और कानूनों का पालन करते हैं, तो आप साइबर अपराधों से सुरक्षित रह सकते हैं।
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