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भोपाल में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते ( Rajesh Sorte Deputy Collector) को रेप के मामले में बड़ी राहत मिल गई है। मंगलवार सुबह हाईकोर्ट इंदौर में हुई सुनवाई में उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई है। उन पर साथी महिला कर्मचारी ने ही रेप के आरोप लगाए थे। यह घटना सोरते के तहसीलदार के रूप में राजगढ़ जिले में पदस्थ रहने के दौरान की बताई गई थी। इस पर पचोर जिला राजगढ़ थाने में केस दर्ज हुआ था।
इस आधार पर मिली जमानत
इस मामले में जमानत का आधार देरी से एफआईआर होने का बना है। यह घटना साल 2022 की है। वहीं इस मामले में महिला ने 25 अक्टूबर 2024 को पचोर थाने में शिकायत दर्ज कराई और नवंबर में सोरते के खिलाफ केस दर्ज किया गया। उन पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज हुआ था। कोर्ट ने कहा कि जब यह घटना हुई तो इसमें एफआईआर क्यों नहीं कराई गई। साथ ही सोरते की ओर से अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर ने यह भी तथ्य रखे कि महिला समय-समय पर परिवार की जरूरत बताते हुए लाखों रुपए सोरते से ले चुकी है। इन आधार पर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।
शिकायत में यह लिखवाया था
महिला ने पुलिस को बताया था कि साल 2014 में पति की मौत हुई और फिर उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली। साल 2022 में सोरते ने तहसीलदार के तौर पर ज्वाइन किया। महिला ने कहा था, वह मुझे बार-बार चैंबर में बुलाते थे। वह काम करने के लिए सरकारी बंगले पर भी बुलाते थे। फिर मुझ पर दबाव बनाया। दबाव में आ गई। साल 2023 में राजस्थान के मंदिर में जाकर सोरते ने मेरी मांग में सिंदूर भरा। अगस्त 2023 में प्रमोशन के बाद सोरते डिप्टी कलेक्टर बनकर भोपाल चले गए। वहां से रोजाना रात में वीडियो कॉल कर अश्लील बातें करते थे। बात शादी की उठी तो बार-बार वह टालते रहे।
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